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कर्नाटक: पार्टी में बने रहेंगे कांग्रेस विधायक नागराज, सिद्धरमैया का दावा- साथ हैं ज्यादातर विधायक

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन पर संकट के बादल छाए हुए हैं. हालांकि, बागी कांग्रेस विधायक ने कहा है कि वे अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं और पार्टी के साथ बने रहेंगे. वहीं, भाजपा कर्नाटक की गठबंधन सरकार पर सोमवार को विश्वास मत साबित करने का दबाव बनाएगी. पढ़ें पूरी खबर....

पार्टी में बने रहेंगे कांग्रेस विधायक नागराज

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Published : Jul 14, 2019, 2:32 PM IST

बेंगलुरू: कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने बागी विधायकों को मनाने की कोशिश तेज कर दी. इस बीच, उनमें से एक कांग्रेस विधायक एमटीबी नागराज ने साफ किया है कि वह अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं और पार्टी में बने रहेंगे. विधायक नागराज ने कहा कि वह अन्य विधायकों को भी मनाने की कोशिश करेंगे.

कांग्रेस-जद(एस) के 16 बागी विधायकों में शामिल राज्य के आवास मंत्री एमटीबी नागराज ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा वापस लेने को कहा. नागराज होसकोट से कांग्रेस विधायक हैं. उन्होंने पिछले हफ्ते विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था.

नागराज ने कहा, 'सिद्धरमैया और दिनेश गुंडु राव ने मुझसे मुलाकात की और मुझसे इस्तीफा वापस लेने तथा पार्टी में बने रहने का अनुरोध किया. इस पर विचार करने के लिए मैंने समय मांगा और मैंने पार्टी में बने रहने का फैसला किया है.' उन्होंने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि मैं चिक्कबल्लापुरा विधायक सुधाकर से बात करूंगा और इस्तीफा वापस लेने के लिए उन्हें मनाउंगा.'

इस दौरान उनके साथ उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर, राज्य के जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार और कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद थे.

यह पूछे जाने पर कि क्या सारे मतभेद दूर कर लिए गए हैं, नागराज ने कहा कि उन्होंने कुछ असंतोष को लेकर इस्तीफा दिया था और हर राजनीतिक दल में कुछ असहमति होती है.

उन्होंने कहा, 'पार्टी नेतृत्व विधायकों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं भी उनकी कोशिश में उनकी मदद करने की अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश करूंगा.'

इसके बाद नागराज राज्य कांगेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया के आवास के लिए रवाना हो गए.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि उनकी पार्टी, मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी पर विधानसभा में सोमवार को विश्वास मत हासिल करने के लिए दबाव डालेगी.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके येदियुरप्पा ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार बहुमत खो चुकी है और उसका पतन अवश्यसंभावी है.

अपनी सरकार के बने रहने के संकट के बीच एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुये कुमारस्वामी ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में ऐलान किया था कि वह स्वैच्छिक रूप से विश्वास मत हासिल करना चाहते हैं ताकि विद्रोही विधायकों के इस्तीफे से उत्पन्न 'भ्रम' खत्म हो सके और विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वह इसके लिए समय निर्धारित करें.

येदियुरप्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री को 'सोमवार को विश्वास प्रस्ताव अवश्य लाना चाहिये.' उन्होंने कहा कि उनके लिए यही उचित होगा कि वे त्यागपत्र दे दें और नयी सरकार का गठन होने दें.

गौरतलब है कि एक दिन पहले मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने विधानसभा में सभी को हैरान करते हुए घोषणा की थी कि वह सदन में विश्वास मत कराएंगे, जिसके बाद सत्तारूढ़ गठबंधन ने बागी विधायकों को मनाने की कोशिशें तेज कर दी.

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कांग्रेस के संकटमोचक बताए जा रहे डी के शिवकुमार सुबह करीब पांच बजे नागराज के आवास पर पहुंचे और वह उन्हें मनाने के लिए करीब साढ़े चार घंटे तक वहां रूके.

इसके बाद, उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर भी नागराज को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने के लिए उनके आवास पर पहुंचे.

इसी तरह विधायक रामलिंगा रेड्डी, मणिरत्न, के सुधाकर और आर रोशन बेग को भी मनाने की कोशिश की गई.

जद (एस) सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के कम से कम चार विधायकों के साथ सीधे संपर्क में हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे लोग अपने इस्तीफे वापस ले लेंगे.

इस बीच, अटकलों को तेज करते हुए भाजपा नेताओं के एक समूह ने विधायक एस आर विश्वनाथ और बेंगलुरू के पार्षद पद्मानाभ रेड्डी के नेतृत्व में रामलिंगा रेड्डी से उनके अवास पर मुलाकात की.

हालांकि, रामलिंगा ने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और उन्होंने कहा कि वह 15 जुलाई तक राजनीति पर नहीं बोलेंगे क्योंकि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश होना है.

वहीं, उनकी बेटी एवं कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी ने कहा कि इस बैठक के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस में हूं और मैंने इस्तीफा नहीं दिया है. मेरे पिता ने इस्तीफा दिया है और उनके इस्तीफे से जुड़े सभी प्रश्न उन्हीं से पूछे जाने चाहिए.'

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विधानसभा में संभवत: अगले हफ्ते होने वाले शक्ति परीक्षण के लिए अपने- अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही दलों ने अपने- अपने विधायकों को होटलों और रिजॉर्ट में भेज दिया है.

इससे पहले, इन घटनाक्रमों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि इन प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकलेगा क्योंकि गठबंधन सरकार का गिरना तय है.

येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कांग्रेस और जद(एस) में भ्रम है जिसके कारण विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं. विधायकों को वापस लाने के लिए एक सुनियोजित साजिश चल रही है.' येदियुरप्पा ने दावा किया कि राज्य सरकार बहुमत खो चुकी है. उन्होंने कहा कि विश्वास मत कराना 'निरर्थक' है.

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 10 बागी विधायकों के इस्तीफे पर विधानसभा अध्यक्ष को 16 जुलाई तक यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था, जिसके बाद कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत कराने की घोषणा कर दी.

कर्नाटक में गठबंधन सरकार गंभीर संकट से गुजर रही है. उसके 16 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है. इनमें से 13 विधायक कांग्रेस के और तीन जद(एस) के हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन में विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) को छोड़कर कुल 116 विधायक (कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37 और बसपा के 1) हैं.

दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या अब 107 है. अगर गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं, तो सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की संख्या घट कर 100 रह जाएगी. स्पीकर का भी एक वोट होता है.

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