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राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

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Published : Sep 17, 2020, 9:29 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 1:54 PM IST

11:05 September 17

थाली और दीये पर सुधांशु त्रिवेदी का जवाब

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जिस तरह से गांधीजी ने अंग्रेजों को भगाने के लिए चरखे को एक प्रतीक बनाया, ठीक उसी तरह पीएम मोदी ने दीये को सामाजिक चेतना का प्रतीक बनाया. त्रिवेदी ने कहा कि क्या सामाजिक मनोविज्ञान और राजनीतिक मनोविज्ञान हम नहीं समझते ? मैं पूरे सम्मान के साथ कह रहा हूं कि क्या लोग इतिहास भूल गए ? क्या वे बता सकते हैं कि चरखा चलाने से अंग्रेज भाग जाते. ये तो प्रतीक भर था.  

त्रिवेदी आप सांसद संजय सिंह से उस हमले का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी द्वारा थाली और दीए जलाने के लिए लोगों का आह्वान किया था. सिंह ने कहा कि इससे कोरोना भागा नहीं. क्या थाली पीटने से कहीं कोरोना भागता है. 

11:02 September 17

शेरों के लिए रेडियो कॉलर का प्रयोग न होः गोहिल

रेडियो कॉलर लगाए जाने से देश में करीब 25 फीसदी एशियाटिक शेरों की मौत होने का दावा करते हुए एक सदस्य ने मांग की उन पशुओं को बचाने के लिए उन्हें रेडियो कॉलर नहीं लगाया जाए.  

शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि एशियाटिक शेरों की मृत्युदर बढने का मुख्य कारण रेडियो कॉलर है. गोहिल ने कहा, 'रेडियो कॉलर का वजन करीब ढाई किलोग्राम का होता है और शेर के शावकों को यह कॉलर लगाया जाता है जिससे साफ तौर पर उनका विकास बाधित होता है.'

उन्होंने कहा कि 'एशियाटिक शेर यानी गिर के शेर हमारे लिए गौरव की बात हैं और वे दुर्लभ प्राणी हैं. इन्हें अवैज्ञानिक तरीके से रेडियो कॉलर लगाया गया. विशेषज्ञों ने साफ कहा है कि प्रोटोकॉल तोड कर उन्हें रेडियो कॉलर नहीं लगाया जाना चाहिए.' गोहिल ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, छह फीसदी से अधिक शेरों को यह रेडियो कॉलर नहीं लगाया जाना चाहिए.

उन्होंने दावा किया कि 25 फीसदी एशियाटिक शेरों की मौत का कारण यही रेडियो कॉलर है.

गोहिल ने एशियाटिक शेरों को रेडियो कॉलर नहीं लगाने की मांग की. उन्होंने यह भी मांग की कि एशियाटिक शेरों को अब तक अवैज्ञानिक तरीके से रेडियो कॉलर लगाने वालों पर कडी कार्रवाई की जाए.

10:53 September 17

कोविड के साथ अन्य बीमारियों के लिए सरकार उठाए कदम

देश में कोरोना वायरस के कहर के दौरान गैर संचारी बीमारियों के मरीजों को परेशानी होने का दावा करते हुए कांग्रेस की एक सदस्य ने मांग की कि वे बीमारियां भी जानलेवा होती हैं. इसलिए कोविड के साथ ही इन बीमारियों के लिए भी सरकार को अलग से अवसंरचना, निवेश, मानव संसाधन और प्रौद्योगिकी की व्यवस्था करनी चाहिए.

कांग्रेस की अमी याज्ञिक ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले कुछ माह से कोरोना वायरस का कहर जारी है. कोविड—19 के दौरान डॉक्टर और चिकित्सा कर्मी इस बीमारी के इलाज में लगे हैं.

उन्होंने कहा ' लेकिन कोविड महामारी की वजह से गैर संचारी बीमारियों के मरीजों को वह अपेक्षित इलाज नहीं मिल पा रहा है जो मिलना चाहिए. '

अमी ने कहा 'गैर संचारी बीमारियों के मरीजों के लिए ओपीडी जरूरी है. डायलिसिस, कीमोथैरेपी, फिजियोथैरेपी, रेडियेशन आदि की ऐसे मरीजों को जरूरत है क्योंकि गैर संचारी बीमारियां भी जानलेवा होती हैं.'

उन्होंने कहा कि मधुमेह, रक्तचाप, गुर्दे काम नहीं करना, ह्दय रोग आदि बीमारियां कोविड के कारण नजर अंदाज नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा 'ये बीमारियां भी रहेंगी और कोविड भी निकट भविष्य में नहीं जाने वाला है.'

अमी ने कहा 'हालात को देखते हुए सरकार को चाहिए कि गैर संचारी बीमारियों के मरीजों के लिए अलग से अवसंरचना विकसित करे , इसके लिए अलग से निवेश की व्यवस्था की जाए और मानव संसाधन तथा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की व्यवस्था भी की जाए.'

09:43 September 17

कोरोना पर संजय राउत

शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा कोरोना के खिलाफ उठाए गए कदमों की जानकारी दी. राउत ने कहा कि हमारी सरकार के बारे में कहा गया कि कोरोना रोकने के लिए राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया. लेकिम मैं बता दूं, कि अगर ऐसा नहीं होता, तो 30 हजार से ज्यादा लोग महाराष्ट्र में कैसे रिकवर हो गए. उन्होंने कहा कि क्या ये सारे लोग भाभी जी के पापड़ खाकर ठीक हो गए. 405 कोरोना लैब स्थापित किया गया. 

09:34 September 17

जीरो आवर नोटिस

शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने राज्यसभा में जीरो आवर नोटिस दिया है, जिसमें पंजाबी भाषा को जम्मू और कश्मीर की 6वीं आधिकारिक भाषा घोषित करने की मांग की गई है.

डीएमके सांसद टी शिवा ने मसौदा पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना 2020 के कार्यान्वयन पर राज्यसभा में चर्चा की छोटी अवधि का नोटिस दिया है.

08:33 September 17

राज्यसभा-

नई दिल्ली :राज्य सभा में आज कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की उम्मीद है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर बृहस्पतिवार को राज्यसभा में बयान देंगे.

सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री के बयान के बाद विपक्ष के नेता अपनी बात रखेंगे और सिंह आवश्यकता पड़ने पर सभापति की अनुमति से स्पष्टीकरण दे सकते हैं.

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, रक्षा मंत्री वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) गतिरोध पर दोपहर 12 बजे बयान देंगे. उसके बाद विपक्ष के नेता मुद्दे पर बोलेंगे. जरूरत हुई तो उसके बाद मंत्री स्पष्टीकरण दे सकते हैं.

सिंह लोकसभा में मंगलवार को मुद्दे पर पहले ही बयान दे चुके हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 1:54 PM IST

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