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राजीव गांधी हत्याकांड : दोषी नलिनी को 30 दिनों की पैरोल, मद्रास हाईकोर्ट का आदेश

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में उम्र कैद की सजा काट रही नलिनी को एक महीने के पैरोल पर मद्रास हाईकोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है.

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Published : Jul 5, 2019, 3:32 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 7:56 PM IST

नलिनी श्रीहरन (गेट्टी इमेज)

चेन्नई: राजीव गांधी हत्‍या मामले में नलिनी श्रीहरन उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. वे पिछले लगभग 27 वर्षों से जेल में हैं. हालांकि, आज मद्रास हाईकोर्ट ने नलिनी को 30 दिनों की पैरोल पर रिहा करने का आदेश सुनाया.

दरअसल, नलिनी समेत अन्य छह आरोपी 21 मई, 1991 को हुई हत्या के मामले में जेल में बंद हैं. नलिनी के अलावा पेरारीवलन, मुरुगन, शांतन, रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के संबंध में जेल की सजा काट रहे हैं.

नलिनी ने बेटी की शादी की तैयारी के लिए छुट्टी की याचिका दायर की थी. इस याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने नलिनी को 30 दिनों के पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है.

राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी नलिनी मद्रास हाईकोर्ट के बाहर.

आदेश में नलिनी को कोई भी साक्षात्कार न देने की हिदायत दी गई है. पैरोल की अवधि के दौरान नलिनी के किसी भी राजनीतिक शख्स से मिलने पर भी रोक लगाई गई है.

इससे पहले जस्‍टिस एमएम सुंदरेश और जस्‍टिस एम निर्मल कुमार ने नलिनी को कोर्ट में 5 जुलाई को दोपहर 2 बजे याचिका पर चर्चा के लिए पेश होने को कहा था. विगत 25 जून को पारित आदेश में नलिनी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने और याचिका पर बहस करने की अनुमति दी गई थी.

नलिनी पिछले 27 साल से ज्यादा समय से वेल्लोर के स्पेशल जेल में बंद हैं. उसने बेटी की शादी में तैयारी करने का हवाला देकर अदालत से छह महीने का अवकाश मांगा था.

बता दें कि उम्र कैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन समेत सात अन्य ने रिहाई के लिए नौ मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट भी गए थे. सर्वोच्च न्यायालय ने राजीव गांधी की हत्या के मामले में सात दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था.

तमिलनाडु के राजनीतिक दल द्रमुक मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था.

स्टालिन ने एक बयान में कहा कि तमिलनाडु के लोगों की तरफ से इन सातों की रिहाई के लिए अलग-अलग स्तरों पर आग्रह को रखा जा चुका है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव पारित करने व उनकी रिहाई के लिए इस प्रस्ताव को भेजे जाने के बावजूद दोषियों को रिहा करने में देरी कर रहे हैं.

स्टालिन ने पुरोहित से संविधान की धारा 161 के तहत सातों को रिहा करने का आग्रह किया.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलनीस्वामी ने राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद इन सात लोगों की रिहाई के लिए प्रस्ताव पारित किया था. इसे सितंबर 2018 में राज्यपाल पुरोहित को भेजा गया था.

21 मई, 1991 को तमिलनाडु के ही श्रीपेरंबदुर में एक मानव बम विस्फोट में राजीव गांधी की मौत हुई थी.

Last Updated : Jul 5, 2019, 7:56 PM IST

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