नई दिल्ली : रेलवे पटरियों पर अनधिकृत प्रवेश और अप्रिय घटनाओं के कारण पिछले 3 वर्षों में लगभग 30,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. यह जानकारी रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने दी.
ये बयान उन्होंने तब दिया जब नीति आयोग के सीईओ अमिताभकांत ने उन्हें चिट्ठी लिखी. चिट्ठी में उन्होंने उस दावे पर चिंता व्यक्त की, जिसमें ये कहा जा रहा था कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर में शून्य मौतें हुईं.
अपने पत्र में कांत ने वीके यादव को यह जांचने के लिए कहा कि क्या डेटा सही है. उन्होंने यह भी कहा कि हर साल 2,000 से अधिक लोग मुंबई उपनगरीय ट्रेनों में अपना जीवन खो देते हैं. इस तरह की मौतें भी कुल मृत्यु रिकॉर्ड का एक हिस्सा होना चाहिए.
यादव ने कहा कि रेलवे में मृत्यु के आंकड़ों को तीन रूपों में रखा जाता है. यानी अनधिकृत प्रवेश, अप्रिय घटनाएं और परिणामी मौतें. पिछले वित्तीय वर्ष में कोई भी परिणामी मौत नहीं हुई है. परिणामी मौतों से तात्पर्य डिरेलमेंट, ट्रेन कोलिजन, ट्रेन में आग लग जाना इत्यादि से है.