दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हरियाणा के नए मंत्री संदीप सिंह, गोली लगने के बाद भी नहीं मानी थी हार

पूर्व हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत इसी साल विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल होकर की थी. बीजेपी ने उन्हें पिहोवा से चुनावी मैदान में उतारा था, जहां उन्होंने शानदार जीत दर्ज करते हुए सीट बीजेपी की झोली में डाली. इस जीत का इनाम उन्हें हरियाणा सरकार में मंत्री पद के रूप में मिला है.

By

Published : Nov 14, 2019, 5:28 PM IST

डिजाइन फोटो

चंडीगढ़ : 27 फरवरी 1986 को हरियाणा के शाहबाद मार्कंडा में जन्में पूर्व हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. संदीप सिंह को पेनाल्‍टी कॉर्नर के विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता था. संदीप सिंह साल 2004 में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ शानदार खेल का प्रदर्शन कर सुर्खियों में आए थे.

इस पूर्व हॉकी खिलाड़ी का नाम संदीप सिंह भिंडर है. उन्हें फ्लिकर सिंह के नाम से भी जाना जाता है. संदीप सिंह शादीशुदा हैं. उनकी पत्नी का नाम हरजिंदर कौर और बेटे का नाम सेहदीप है.

पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन से आए चर्चा में
संदीप सिंह भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान रह चुके हैं. संदीप सिंह साल 2004 में भारत की जीत में टॉप स्कोरर थे और उस समय वह खूब चर्चा में रहे थे. उन्‍होंने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था. संदीप सिंह भारतीय हॉकी टीम में फुल बैक पर मोर्चा संभालते थे और उन्हें ड्रैग फ्लिक शॉट के लिए भी जाना जाता था.

संदीप सिंह का शुरुआती जीवन
इन्होंने अपनी पढ़ाई अपने कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में ही पूरी की. आगे की पढ़ाई के लिए संदीप ने पटियाला में स्थित खालसा कॉलेज में प्रवेश लिया और बाद में उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बी.ए. की पढ़ाई की. संदीप सिंह का जन्म गुरुचरण सिंह भिंडर और दलजीत कौर भिंडर के घर हुआ था. उनके बड़े भाई बिक्रमजीत सिंह एक फील्ड हॉकी खिलाड़ी हैं और इंडियन ऑयल के लिए खेलते हैं. वह एक प्रतिभाशाली ड्रैग फ्लिकर थे लेकिन चोटों के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर सके और बाद में अपने भाई को खेल में प्रशिक्षित किया. संदीप के भाई वर्तमान में हरियाणा पुलिस में डीएसपी के रूप में कार्यरत हैं.

संदीप सिंह का इंटरनेशनल करियर
संदीप सिंह ने जनवरी 2004 में कुआलालंपुर में सुल्तान अजलान शाह कप के दौरान अपनी अंतरराष्ट्रीय हॉकी करियर की शुरुआत की. उसी साल अगस्त में उन्होंने एथेंस, ग्रीस में आयोजित समर ओलंपिक में अपना ओलंपिक डेब्यू किया. इसके अलावा 2004 में उन्होंने पाकिस्तान में आयोजित जूनियर एशिया कप हॉकी में 16 गोल किए और टूर्नामेंट में शीर्ष स्कोरर रहे. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में 5-2 की जीत में दो गोल किए, जिससे भारत पहली बार इस खिताब को जीतने में सफल रहा.

उन्होंने 2004 में चैंपियंस ट्रॉफी में लाहौर और अगले वर्ष चेन्नई में खेला. उन्होंने सितंबर-अक्टूबर 2005 में भारत-पाक हॉकी श्रृंखला के दौरान तीन गोल भी किए. संदीप सिंह मेलबर्न में आयोजित 2006 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा थे. वह सात गोल के साथ टूर्नामेंट के शीर्ष गोल स्कोरर थे.

2008 के सुल्तान अजलान शाह कप टूर्नामेंट में उन्होंने 'टॉप गोल स्कोरर' पुरस्कार प्राप्त करने के लिए आठ गोल किए और भारत को दूसरा स्थान हासिल करने में मदद की. उन्हें जनवरी 2009 में राष्ट्रीय टीम का कप्तान बनाया गया, जिसके बाद उन्होंने 13 साल में पहली बार सुल्तान अजलान शाह कप जीतने वाली टीम का नेतृत्व किया. साल 2009 से 2010 के दरमियां संदीप सिंह 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ड्रैग फ्लिक कर रहे थे. संदीप के ताकतवर ड्रैग फ्लिक को देखकर हॉकी जगत ने उन्हें 'फ्लिकर सिंह' नाम दे दिया था.

2006 में गोली लगने के बाद की वापसी
साल 2006 में जब संदीप सिंह जर्मनी में होने वाले वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रीय टीम में शामिल होने के लिए घर से ट्रेन में सवार होकर दिल्ली जा रहे थे. तभी अचानक उनके मित्र मेजर सिंह द्वारा उनकी जांघ पर एक बंदूक की गोली सीधे जा कर लग गई, जिससे वे बुरी तरह घायल हो गए. इस खबर से पूरे देश में खलबली मच गई क्योंकि सभी को अन्तर्राष्ट्रीय वर्ल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट में उनसे काफी उम्मीदें थी.

साल 2006 में गोली लगने के बाद इलाज के बाद संदीप सिंह

यह टूर्नामेंट उस घटना के ठीक 2 दिन बाद होने वाला था और वे इस टूर्नामेंट का हिस्सा बनने के लिए सक्षम नहीं थे. उस गोली ने उनकी निचली रीड, लीवर और किडनी को डैमेज कर दिया था, जिससे उनके शरीर का निचला भाग पैरालाइज्ड हो गया और डॉक्टर्स ने यह तक कह दिया कि वे अब आगे नहीं खेल सकेंगे. हालांकि संदीप सिंह ने कभी हार नहीं मानी और दो साल बाद उन्होंने 2008 में भारतीय हॉकी टीम में वापसी की. संदीप सिंह को साल 2010 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया था.

बचपन की दोस्त से की शादी
किशोरावस्था के दौरान संदीप सिंह जूनियर हॉकी खिलाड़ी हरजिंदर कौर को दिल बैठे थे. दोनों के परिवार एक दूसरे के काफी करीब थे और रिश्ते को जल्दी स्वीकार कर लिया. जब दोनों की सगाई हुई, तब तक दोनों अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे थे. अगस्त 2008 में दोनों ने शादी की थी.

पत्नी हरजिंदर कौर के साथ संदीप सिंह

पढ़ें-हरियाणा: मनोहर कैबिनेट का हुआ विस्तार, दस मंत्रियों ने ली शपथ

जीवन पर बनीं है फिल्म
फिल्म निर्माता शाद अली ने संदीप सिंह के जीवन पर सूरमा नाम की एक फिल्म बनाई थी. दिलजीत दोसांझ ने फिल्म में संदीप सिंह की भूमिका निभाई थी. इसे 13 जुलाई 2018 को जारी किया गया था. फिल्म में तापसी पन्नू और अंगद बेदी भी मुख्य किरदार में थे.

सूरमा फिल्म में संदीप का किरदार निभाने वाले दिलजीत संदीप के परिवार के साथ

राजनीति में एंट्री करते ही बनें विधायक
इसी साल हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले संदीप सिंह ने चुनावी राजनीति में उतरने का फैसला किया. हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने संदीप सिंह को पिहोवा से चुनावी मैदान में उतारा. हॉकी के मैदान में अपना डंका बजाने के बाद संदीप सिंह ने राजनीति में भी शानदार शुरूआत करते हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की और विधायक बनें. अब हरियाणा सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया है.

साल 2019 में बीजेपी में हुए शामिल

ABOUT THE AUTHOR

...view details