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जानें, किसने बाबुल सुप्रियो को गायकी छोड़ राजनीति में आने की दी थी सलाह

बाबुल सुप्रियो को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री बनाया गया है. पिछली सरकार में भी वह मंत्री थे. बाबुल सुप्रियो मशहूर गायक रह चुके हैं. आखिर, वह कौन सा शख्स है, जिसने बाबुल को गायकी छोड़ राजनीति में आने की सलाह दी थी. जानें.

बाबुल सुप्रियो (फाइल फोटो)

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Published : May 31, 2019, 5:05 PM IST

Updated : May 31, 2019, 8:17 PM IST

नई दिल्ली: प. बंगाल के आसनसोल से चुनाव जीतने वाले बाबुल सुप्रियो को पीएम मोदी ने दोबारा मंत्री बनाया है. वह वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए गए हैं. मोदी की पिछली सरकार में भी वह मंत्री थे.

आपको बता दें कि बाबुल सुप्रियो एक बार हवाई यात्रा पर कहीं जा रहे थे. उसी फ्लाइट पर बाबा रामदेव भी थे. बाबुल रामदेव से मिलने आए, तो बाबा ने उन्हें सलाह दी. स्वामी रामदेव ने कहा कि गायकी छोड़ राजनीति में आ जाओ. उन्हें टिकट दिलवा देंगे. तभी बाबुल ने राजनीति में आने का फैसला कर लिया.

बाबुल सुप्रियो सन 1970 में सुनील चंद्रा बरल और सुमित्रा बरल के घर पैदा हुए. उन्हें बचपन से ही संगीतमय वातावरण मिला. उनके दादा बनिकनाथ एनसी बरल, प्रसिद्ध बांग्ला गायक एवं संगीतकार थे.

सुप्रियो ने 1991 में वाणिज्य से स्नातक किया और थोड़े समय के लिए स्टैंडर्ड चार्टेड बैंक में भी नौकरी की. 1992 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और संगीत में करियर बनाने के लिए मुंबई चले आए. यहां उन्होंने स्टेज शॉ के साथ-साथ कई बॉलीवुड फिल्मों में भी गीत गाये और अपनी आवाज का जादू बिखेरा.

उनका गाया हुआ सन 2000 में आई फिल्म 'कहो न प्यार है' का गाना दिल ने दिल को पुकारा बहुत प्रसिद्ध हुआ.

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2014 में वह आसनसोल संसदीय सीट से चुनाव लड़े और भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की. उन्हें नगरीय विकास, आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया. बाद में उनको भारी उद्योग मंत्राालय में राज्य मंत्री बनाया गया.

इस बार बाबुल ने तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी मुनमुन सेन को 1,97,637 मतों से हराया.

Last Updated : May 31, 2019, 8:17 PM IST

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