नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों को उनके घर के आसपास ही नौकरी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तकनीक आधरित समाधान की वकालत की है. उनके मुताबिक इससे नियोक्ताओं को भी आसानी से कुशल कामगार मिल सकेंगे. इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि उन्होंने सुझाव दिया कि नियोक्ता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से कुशल श्रम बल हासिल कर सकते हैं.
नौकरशाहों और विशेषज्ञों से एक संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने यह सुझाव भी दिया कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान किसी क्षेत्र विशेष में नए उद्योग की स्थापना की योजना के मद्देनजर अपने यहां चल रहे पाठ्यक्रमों में बदलाव भी ला सकते हैं ताकि युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सके.
उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को आठ-दस वर्षों तक नया रोजगार सुनिश्चित किया जा सकता है. प्रधानमंत्री का यह संवाद मंगलवार को हुआ था, जिसका वीडियो नीति आयोग ने बुधवार को साझा किया.
उन्होंने कहा कि लोग, खासकर वो जो शारीरिक परिश्रम वाले कामों से जुड़े हुए हैं, वे अपने घरों के नजदीक रोजगार को तरजीह देंगे.
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि व्यवसायों का मूल्यांकन इस आधार पर भी हो सकता है कि वे अपने कर्मचारियों को उनके बच्चों की शिक्षा के अलावा और किस प्रकार की सुविधाएं दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए और उनसे पूछा जाना चाहिए कि वे भविष्य में क्या करना चाहते हैं.