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पीएम मोदी ने मत्स्यपालन क्षेत्र के लिए 20,050 करोड़ रुपये की योजना का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में मछली पालन और पशुपालन क्षेत्र से जुड़ी कुछ अन्य योजनाओं की शुरुआत की. डिजिटल माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अलावा केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह भी उपस्थित रहे.

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आज मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ करेंगे पीएम

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Published : Sep 10, 2020, 1:23 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 4:44 PM IST

नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) का शुभारंभ किया. इसके साथ ही किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक समग्र नस्ल सुधार, बाजार और सूचना संबंधी 'ई-गोपाला ऐप' की भी शुरुआत की. पीएम मोदी ने इस मौके पर बिहार में मछली पालन और पशुपालन क्षेत्र से जुड़ी कुछ अन्य योजनाओं की भी शुरुआत की.

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि स्थानीय उत्पादों को बिहार में जितना बढ़ावा मिलेगा ‘आत्मनिर्भर भारत‘ अभियान को उतनी ही ज्यादा ताकत मिलेगी और बिहार उतना ही आत्मनिर्भर बनेगा.

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से 20,050 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) का शुभारंभ करते हुए यह भी कहा कि बिहार के गांव को आत्मनिर्भर भारत का केंद्र बनाने के लिए केंद्र सरकार अपने प्रयासों में और तेजी लाएगी.

पीएम मोदी का संबोधन

उन्होंने इस दौरान किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक समग्र नस्ल सुधार, बाजार और सूचना संबंधी 'ई-गोपाला एप' की भी शुरुआत की और आधे दर्जन से अधिक योजनाओं की शुरुआत की.

भोजपुरी में सभी के अभिवादन से अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि अब भारत उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है जब गांव के पास ही ऐसे क्लस्टर बनेंगे, जहां फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग भी लगेंगे और पास ही उससे जुड़े रिसर्च सेंटर भी होंगे.

उन्होंने कहा, 'यानि एक तरह से हम कह सकते हैं- जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान। इन तीनों की ताकत एकजुट होकर जब काम करेगी तब देश के ग्रामीण जीवन में बहुत बड़े बदलाव होंगे. बिहार में तो इसके लिए बहुत संभावनाएं हैं.'

उन्होंने कहा कि बिहार के फल, चाहे वो लीची हो, जर्दालू आम हो, आंवला हो, मखाना हो या फिर मधुबनी पेंटिंग्स हो, ऐसे अनेक उत्पाद बिहार के जिले-जिले में हैं.

पीएम मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें इन लोकल प्रोडक्ट्स के लिए और ज्यादा वोकल होना है. हम लोकल के लिए जितना वोकल होंगे, उतना ही बिहार आत्मनिर्भर बनेगा. बिहार के गांवों को आत्मनिर्भर भारत का केंद्र बनाने के लिए हमारे प्रयास और बढ़ने वाले हैं.'

उन्होने कहा कि इन प्रयासों में बिहार के परिश्रमी लोगों की बहुत बड़ी भूमिका है और इससे देश को और अधिक ताकत मिलेगी.

उन्होंने कहा, 'बिहार के लोग देश में हों या विदेश में अपने परिश्रम से, अपनी प्रतिभा से, अपना लोहा मनवाते हैं. मुझे विश्वास है कि बिहार के लोग आत्मनिर्भर बिहार के सपनों को पूरा करने में भी निरंतर इसी तरह काम करते रहेंगे.'

प्रधानमंत्री ने इस दौरान पीएमएमएसवाई योजना के लाभार्थियों से संवाद भी किया और उनके अनुभव भी सुने.

मोदी ने बिहार में घर-घर नल का जल पहुंचाने के लिए हुए अब तक के काम के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर सराहना करते हुए कहा कि चार-पांच साल पहले बिहार के गांव में सिर्फ दो प्रतिशत घरों में साफ पानी की आपूर्ति थी. आज ये आंकड़ा बढ़कर 70 प्रतिशत से अधिक हो गया है.

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उन्होंने कहा, पीएम किसान सम्मान निधि से भी देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में सीधा पैसा पहुंचाया गया है. इसमें करीब 75 लाख किसान बिहार के भी हैं. जब से योजना शुरु हुई है, तब से अब तक करीब 6 हज़ार करोड़ रुपए बिहार के किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बात पर बहुत जोर दिया जा रहा है कि मुफ्त राशन की योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार अभियान का लाभ बिहार के हर जरूरतमंद और बाहर से गांव लौटे हर श्रमिक परिवार तक पहुंचे.

Last Updated : Sep 10, 2020, 4:44 PM IST

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