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रेल के विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग बेहद जरूरी : गोयल

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि रेलवे क्षेत्र में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग जरूरी है. उन्होंने यह भी साफ किया रेलवे के सूत्र सरकार के हाथों में ही रहेंगे. गोयल महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए उज्जैन शहर पहुंचे थे. उन्होंने जल्द ही उज्जैन और काशी के बीच ट्रेन चलाने की घोषणा की. पढ़ें पूरी खबर...

PPP in indian railways
रेल मंत्री पीयूष गोयाल

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Published : Jan 12, 2020, 4:18 PM IST

इंदौर : रेलवे क्षेत्र में बड़ा निवेश जुटाने को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल अपनाए जाने पर जोर देते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इस क्षेत्र में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग बेहद जरूरी है.

गोयल ने कहा, '(बुनियादी ढांचे की कमियों के चलते) कुछ यात्री गाड़ियां आज भी अशोक कुमार के गीत रेलगाड़ी की तर्ज पर छुक-छुक (धीरे-धीरे) करके चलती हैं. (निजी क्षेत्र की मदद से) हम देशभर में धीमी गति की रेलगाड़ियों का जमाना खत्म करके उसी तरह तेज रफ्तार से चलने वाली मेमू रेलगाड़ियां और बिजली चालित अन्य सवारी रेलगाड़ियां चला सकेंगे, जैसे मुंबई के उपनगरीय इलाकों में यात्री ट्रेनें चलाई जा रही हैं.'

मीडिया से बात करते केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल.

रेल मंत्री ने रेलवे को निजी क्षेत्र के लिए खोलने के प्रस्तावों की पैरवी करते हुए यह बात कही. इन प्रस्तावों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, '(इन प्रस्तावों के खिलाफ) आम लोग हल्ला नहीं कर रहे हैं. शायद आपको कहीं और हल्ला दिख रहा है. लोग तो इस बात का स्वागत कर रहे हैं कि भारतीय रेल नए युग में प्रवेश कर रही है.'

उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय ने देशभर में रेलवे ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के जरिए यात्री गाड़ियों तथा मालगाड़ियों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए अगले 12 साल में 50 लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाने का लक्ष्य तय किया है.

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गोयल ने कहा, 'रेलवे और सरकार के बजट में इतना वित्तीय प्रावधान संभव नहीं है, जिससे इस बड़े निवेश लक्ष्य को हासिल किया जा सके. लिहाजा स्वाभाविक रूप से हमें पीपीपी मॉडल के आधार पर काम करना ही होगा.'

रेल मंत्री ने हालांकि रेलवे के निजी हाथों में चले जाने की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा, 'भारतीय रेल इस देश और इसके लोगों की धरोहर है और यह धरोहर आगे भी बनी रहेगी और रेलवे के सूत्र सरकार के ही हाथों में रहेंगे.'

उज्जैन व काशी के बीच चलाई जाएगी विशेष ट्रेन
मीडिया से बातचीत से पहले, गोयल ने पड़ोस के उज्जैन शहर में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए. इसके बाद उन्होंने श्रद्धालुओं और सैलानियों की सुविधा के लिए उज्जैन और काशी के बीच जल्द ही विशेष ट्रेन चलाने की यहां घोषणा की.

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