बेंगलुरु : थककर वो बैठ जाते हैं, जिनकी कोशिशें नाकाम होती हैं. लेकिन कर्नाटक की समीना ने अपनी हिम्मत नहीं हारी, जिनके जन्म के समय ही दोनों हाथ नहीं थे. इस साहसिक लड़की ने कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपनी पढ़ाई को एक मुकाम तक जारी रखा और पीयूसी परीक्षा (Pre University Course) की परीक्षा देकर वह सभी दिव्यांगों के लिए मिसाल कायम कर रही है.
समीना पल्लनजोगहल्ली की रहने वाली हैं.उन्हें कभी हाथ नहीं होने को लेकर निराशा नहीं हुई. इसके बजाय समीना ने इसे चैलेंज के रूप में लिया और अब उन्होंने अपने पैरों की मदद से पीयूसी की परीक्षा उत्तीर्ण की है. छात्र बेंच पर बैठते हैं, लेकिन समीना फर्श पर बैठती है और अपने पैरों से नोट्स लिखती है.