नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में हालिया हिंसा से पीड़ित 10 लोगों द्वारा दायर याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय को छह मार्च को सुनवाई करने का निर्देश दिया है. बता दें कि पीड़ित लोगों ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषणों को लेकर नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है.
शीर्ष न्यायालय ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से इस विषय का अन्य संबद्ध विषयों एवं याचिकाओं के साथ यथाशीघ्र निबटारा करने को कहा है. इसी कड़ी में सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय को अन्य संबद्ध विषयों की तारीख अप्रैल से पहले निर्धारित करने को कहा है.
प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई तथा न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, 'उच्च न्यायालय विवादों के शांतिपूर्ण निबटारे की संभावना तलाश सकता है.
वहीं, उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोपों पर नागरिक अधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर से जवाब तलब किया.
पीठ ने सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से मंदर के खिलाफ आरोपों के बारे में केंद्र की ओर से एक शपथपत्र दाखिल करने को कहा.
मेहता ने कहा कि वह दोपहर के भोजनावकाश के बाद के सत्र में शीर्ष न्यायालय रजिस्ट्री में शपथपत्र दाखिल करेंगे और इसकी प्रति मंदर के वकील को देंगे.