नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ. सत्र की कार्यवाही के दौरान सांसद मास्क पहने दिखे और अपनी सीट पर पॉली-कार्बन शीट के पीछे नजर आए. इस सत्र में कई चीजें पहली बार हो रही हैं, जिनमें दोनों सदनों की बैठक सुबह-शाम की पालियों में होना और सत्र में एक भी अवकाश नहीं होना शामिल हैं.
स्पीकर ने भेजी किट
सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों को एक पत्र और डीआरडीओ किट भी भेजी है. इस किट में मास्क, सेनेटाइजर व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चाय और कोविड से बचाव का मैन्युअल है.
इन लोगों को अनुमति
संसद परिसर में केवल उन लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी, जिनके पास कोविड-19 संक्रमण नहीं होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट होगी और लोगों का इस दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
मास्क पहने और शीट के पीछे बैठे नजर आए सांसद अन्य जरूरी बातें :-
- सत्र के प्रारंभ से पहले सांसदों और संसद कर्मचारियों समेत 4,000 से अधिक लोगों की कोविड-19 के लिए जांच कराई गई है.
- इस बार ज्यादातर संसदीय कामकाज डिजिटल तरीके से होगा और पूरे परिसर को संक्रमणुक्त बनाने के साथ ही दरवाजों को स्पर्शमुक्त बनाया गया है.
- इस बार सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों के तहत सांसदों के लिए विशेष बैठक व्यवस्था की गई है.
- दोनों सदनों में सदस्यों के बैठने के लिए दोनों पाली के दौरान चैंबरों और गैलरियों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
- दोनों पालियों के बीच पूरे परिसर को संक्रमण मुक्त किया जाएगा.
- सत्र के पहले दिन को छोड़कर बाकी दिन राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में नौ बजे से दोपहर एक बजे तक संचालित होगी.
- वहीं लोकसभा की कार्यवाही दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक होगी.
मानसून सत्र के पहले दिन संसद में मौजूद सदस्य
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कोरोना जांच जरूरी
मानसून सत्र के 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक आयोजन के दौरान तय मानक परिचालन प्रक्रियाओं के अनुसार सांसदों, दोनों सदनों के सचिवालयों के कर्मियों तथा कार्यवाही कवर करने वाले मीडियाकर्मियों को कोविड-19 की जांच कराने को कहा गया है. यह जांच सत्र शुरू होने से 72 घंटे से अधिक पहले नहीं होनी चाहिए.