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देश भर में एनआरसी की संभावना पर ओवैसी के तीखे सवाल

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Published : Oct 9, 2019, 4:17 PM IST

Updated : Oct 9, 2019, 5:42 PM IST

असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की व्यावहारिकता पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी भी सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6ए की संवैधानिकता का फैसला नहीं कर सकी है. ऐसे में सरकार क्या 'कट ऑफ डेट' तय करेगी. जानें पूरा मामला...

ओवैसी की फाइल फोटो

नई दिल्ली : लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की व्यावहारिकता पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि असम में NRC की प्रक्रिया पर 1200 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए. इससे वहां के लोगों को काफी परेशानी भी हुई है.

ओवैसी ने एक ट्वीट में लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट ने अभी भी सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6ए की संवैधानिकता का फैसला नहीं कर सकी है. ऐसे में सरकार क्या 'कट ऑफ डेट' तय करेगी.'

ओवैसी का ट्वीट

दरअसल, सिटीजनशिप एक्ट, 1955 की धारा 6ए के तहत 25 मार्च, 1971 को 'कट ऑफ डेट' माना गया है. इसके तहत असम में एनआरसी लागू किए जाने के दौरान बांग्लादेशी प्रवासियों को भारत की नागरिकता देने का फैसला किया गया.

बता दें कि असम में बीते 31 अगस्त को प्रकाशित हुई एनआरसी की अंतिम सूची में से लगभग 19 लाख लोग बाहर रह गए हैं. इन लोगों को अपनी नागरिकता सिद्ध करने के लिए 120 दिनों का समय दिया गया है.

जिन लोगों के नाम असम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं हैं, वे विदेशी न्यायाधिकरण में अपील कर सकते हैं. हालांकि, इस विकल्प के बावजूद कई लोगों की नागरिकता नहीं साबित होने की आशंका है, और वे विस्थापित हो सकते हैं.

असम में एनआरसी के कॉ-ऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया था कि असम एनआरसी की अंतिम सूची में तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया है.

हजेला ने कहा था, 'असम एनआरसी की अंतिम सूची में 3,11,21,004 लोगों को शामिल किए जाने के योग्य पाया गया. 19,06,657 लोगों को एनआरसी की अंतिम सूची में जगह नहीं मिली.'

बकौल हजेला, जिन लोगों को एनआरसी की सूची में जगह नहीं मिली, इनमें वे भी शामिल हैं, जिन्होंने अपना दावा जमा नहीं किया. उन्होंने बताया था कि एनआरसी की अंतिम सूची से असंतुष्ट लोग विदेशी न्यायाधिकरण में अपील कर सकते हैं.

Last Updated : Oct 9, 2019, 5:42 PM IST

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