नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने असम को इनर लाइन परमिट (आईएलपी) से वंचित करने के उद्देश्य से बंगाल पूर्वी सीमांत नियमन (बीईएफआर) 1873 में संशोधन के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली असम छात्र संघों की याचिकाओं पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है साथ ही पीठ ने इन याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे़, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान राष्ट्रपति के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी.
बता दें कि आईएलपी व्यवस्था वाले राज्यों में बाहरी और देश के दूसरे राज्यों के लोगों को आने के लिए अनुमति लेना जरूरी है. इसके तहत स्थानीय लोगों को भूमि, रोजगार और अन्य सुविधाओं के मामले में संरक्षण प्राप्त है. छात्र संघों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि इनर लाइन परमिट व्यवस्था का मसला संवेदनशील है और न्यायालय को राष्ट्रपति के आदेश पर अंतरिम रोक लगानी चाहिए. जिस पर पीठ ने कहा कि सारे मामले में केंद्र का पक्ष सुने बगैर कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई जा सकती है.