नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को कोलकाता से गिरफ्तार कथित लश्कर-ए-तैयबा हैंडलर तानिया परवीन की कस्टडी मिल गई है. एनआईए ने 12 जून को तानिया परवीन को पूछताछ के लिए कोलकाता में हिरासत में लिया था.
तानिया परवीन पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ने और पाकिस्तान के ह्वाट्सएप नंबर का उपयोग करने का आरोप है. कहा जा रहा है कि वह पाकिस्तान के कई सिम कार्ड और व्हॉट्सऐप जैसे अन्य सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से कई पाकिस्तानी संचालकों के संपर्क में थी.
एनआईए ने संदिग्ध महिला आतंकी परवीन को 10 दिन की हिरासत में ले लिया है. कोलकाता कार्यालय में ही आतंकवाद निरोधक जांच एजेंसी की एक टीम उससे पूछताछ करेगी.
बता दें कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने तानिया परवीन को बीते 20 मार्च को गिरफ्तार किया था. तब से वह दमदम सेंट्रल जेल में बंद थी. जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि परवीन से पूछताछ में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं.
पुलिस को शक है कि तानिया परवीन मूल रूप से बांग्लादेशी नागरिक है, जो 10 साल पहले अवैध रूप से सीमा पार कर भारत आई थी. उसने कोलकाता के एक कॉलेज से एमए की पढ़ाई की और सोशल मीडिया के माध्यम से आतंकी संगठन से प्रभावित थी.
पढ़ें- आईएसआई के लिए काम करने वाले जासूसों से पूछताछ में खुलासा, मनी एक्सचेंज के जरिए मंगवाए रुपये
रिपोर्ट्स के अनुसार, सोशल मीडिया पर वह लश्कर के सदस्यों के संपर्क में आ गई और पाकिस्तान में लोगों को फोन भी किया. पुलिस को उसके कब्जे से कई पाकिस्तानी सिम कार्ड मिले हैं. बतौर रिपोर्ट्स, परवीन पाकिस्तान से संचालित होने वाले विभिन्न व्हॉट्सऐप ग्रुप में भी शामिल थी, जिसमें लश्कर के प्रशिक्षण और साहित्य का आदान-प्रदान किया गया था.
रिपोर्ट्स के अनुसार, तानिया परवीन 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संपर्क में भी थी और वह लश्कर-ए-तैयबा के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी रही है. परवीन ने आतंकी गतिविधियों के लिए हवाला नेटवर्क के जरिए पैसा भी हासिल किया. वह कथित तौर पर भारत में इस्लामी राष्ट्र स्थापित करना चाहती थी और ISIS से प्रेरणा लेती थी.