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Published : Oct 7, 2019, 12:06 AM IST

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MP में नवविवाहिता ने दिखाया साहस, कहा- शौचालय बनवाओ या चाहो तो तलाक...

मध्यप्रदेश के भिंड अंतर्गत मेहगांव जनपद के ज्ञानेंद्रपुरा में टॉयलेट एक प्रेम कथा भाग दो देखने को मिला, जहां शादी के तीसरे दिन ससुराल से वापस गई पत्नी घर में शौचालय नहीं बनने तक ससुराल आने से मना कर दिया. जानें पूरा विवरण

ज्योति पवैया

भिंड। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाएं जमीन पर कितनी कारगर साबित हो रही हैं. इसकी बानगी भिंड में देखने को मिली, जहां शौचालय के अभाव में नव दंपति अलग होने की कगार पर खडे़ हैं. भले ही सरकारी फाइलों में गांव के गांव खुले में शौच मुक्त हो गये हैं, पर ज्ञानेंद्र पुरा निवासी विवेक पवैया के घर की स्थिति और उसकी माली हालत देखकर ऐसी योजनाओं के होने का भ्रम भी टूट गया है.

भ्रम इसलिए टूटा क्योंकि शौचालय नहीं होने की वजह से तीन दिन में ससुराल से जाने वाली बहू अब आने को तैयार नहीं है. ज्योति की इस पहल का मायके वालों ने भी समर्थन किया और दो टूक कह दिया कि घर में शौचालय बनवाओ, तभी बेटी विदा करूंगा.

ज्योति को मनाने की गरज से पति ज्ञानेंद्र कई बार ससुराल भी गया, लेकिन उसे भी निराशा ही हाथ लगी. फुट कस्बा निवासी ज्योति की शादी ज्ञानेंद्र पुरा निवासी विवेक पवैया के साथ 6 मई 2019 को हुई थी, शादी के बाद ज्योति खुशी-खुशी मायके से विदा होकर ससुराल पहुंची, लेकिन ससुराल में शौचालय की कमी ने उसके सपनों को चूर-चूर कर दिया. अब वो ससुराल जाने को तैयार नहीं है.

ज्योति पवैया से जुड़ी घटना पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

विवेक के पिता ने भी बहू को मनाने की कोशिश की, पर हर किसी को बस एक ही जवाब मिलता है कि पहले शौचालय बनवाओ, पर जब रहने के लिए छत के नाम पर टीन-टप्पड़ और तिरपाल का ही सहारा है तो शौचालय कहां से बनवाये, जबकि सरपंच सरकारी योजनाओं के नाम पर हीलाहवाली करता रहता है.

अब जब सिस्टम की नाकामी और सरपंच के अलावा प्रशासनिक लापरवाही की कलई खुली तो कलेक्टर छोटे सिंह ने भी ईटीवी भारत को आश्वासन दिया है कि नवदंपति की हर संभव मदद की जाएगी, साथ ही उन्होंने ज्योति के इस की तारीफ भी की.

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भिंड की बेटी ने खुले में शौच जाने पर ऐतराज जताया तो सचिव-सरपंच से लेकर घर घर शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं की जमीनी हकीकत भी सबके सामने आ गई. अब कलेक्टर ने शौचालय बनवाने का आश्वास तो दे दिया है, पर ये आश्वासन कब तक साकार होगा, ये देखने वाली बात है.

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