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Published : Oct 30, 2020, 11:04 PM IST

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दूसरे चरण में महागठबंधन की परीक्षा, लालू के लालों की किस्मत होगी तय

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में असल परीक्षा महागठबंधन की है, जिनमें तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप यादव की किस्मत तय होनी है. इनके अलावा नीतीश सरकार के तीन मंत्रियों की भी साख दांव पर है.

बिहार विधानसभा चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर 1463 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं, यहां पर तीन नवंबर को मतदान है. माना जा रहा है कि यह चरण बिहार की सत्ता की दशा और दिशा तय करने वाला है. जिसकी वजह से एनडीए और महागठबंधन, दोनों अपनी-अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं.

कितने सीटों पर कौन लड़ रहा चुनाव

माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में असल परीक्षा महागठबंधन की है, जिनमें तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप यादव की किस्मत तय होनी है. महागठबंधन की ओर से आरजेडी 56 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस 24 और वामपंथी दल 14 सीटों पर चुनावी मैदान में हैं.

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वहीं, नीतीश की अगुवाई वाले एनडीए की ओर से जेडीयू 43 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी है जबकि उसकी सहयोगी बीजेपी 46 सीटों पर किस्मत आजमा रही. इसके अलावा वीआईपी के 5 सीटों पर उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं.

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बिहार के सियासी रण में अकेले चुनाव लड़ने वाले चिराग पासवान की एलजेपी दूसरे चरण की 94 सीटों में से 52 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिनमें से 43 प्रत्याशी जेडीयू के खिलाफ हैं. इसके अलावा दो सीटों पर फ्रेंडली फाइट के लिए बीजेपी के खिलाफ भी एलजेपी प्रत्याशी मैदान में हैं. वहीं, बीएसपी ने 33 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं.

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दूसरे चरण में 27 सीटों पर बीजेपी और आरजेडी आमने-सामने हैं. ऐसे ही बीजेपी का कांग्रेस के साथ 12 सीटों पर, सीपीआई माले के साथ 2-2 सीटों पर जबकि माकपा के साथ एक सीट पर मुकाबला हो रहा है. वहीं, जेडीयू के 43 प्रत्याशियों में 25 पर आरजेडी से सीधा मुकाबला है. जेडीयू 12 सीटों पर कांग्रेस से दो-दो हाथ कर रही है. वहीं, माले के साथ 2, सीपीएम के साथ तीन और सीपीआई के साथ एक सीट पर लड़ाई है.

किस पार्टी का कितना कब्जा

बिहार के दूसरे चरण की 94 सीटों के 2015 के विधानसभा चुनाव के नतीजों और वोट फीसदी के लिहाज से देखा जाए तो मौजूदा एनडीए और महागठबंधन के बीच करीब 15 फीसदी वोटों का अंतर है. पिछले चुनाव में आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस ने मिलकर 70 सीटों पर जीत हासिल की थी.

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इनमें 33 सीटें आरजेडी, 30 सीटें जेडीयू और सात सीटें कांग्रेस ने जीती थीं. वहीं, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 22 सीटें जीती थीं, जिनमें 20 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी जबकि दो सीटें एलजेपी के खाते में गई थी.

हालांकि, इस बार के चुनाव में समीकरण बदल गए हैं. जेडीयू और बीजेपी एक साथ मिलकर चुनाव मैदान में हैं तो एलजेपी अलग चुनाव लड़ रही है. वहीं, जेडीयू के बिना चुनावी मैदान में उतरी आरजेडी को पुराने नतीजे दोहराने के लिए कांग्रेस के साथ वामपंथी दलों का सहारा है. एनडीए ने 2010 में इस इलाके में जबरदस्त जीत हासिल की थी और फिर उसी फॉर्मूले के सहारे अपने पुराने दुर्ग को पाने की जद्दोजहद कर रही है.

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15 फीसदी वोटों का अंतर

दूसरे दौर का मतदान जिन विधानसभा क्षेत्रों में होने जा रहा है, वहां अगर मौजूदा एनडीए के 2015 के वोट फीसद को देखें तो बीजेपी ने 25.86 फीसदी वोटों के साथ 20 सीटें जीती थीं जबकि जेडीयू ने 17.30 फीसदी के साथ 30 सीटें और हम को 2.07 फीसदी वोट मिले थे. इस तरह से एनडीए का कुल वोट 45.24 फीसदी और सीटें 50 होती हैं.

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वहीं, अगर मौजूदा महागठबंधन के वोट फीसदी को देखें तो आरजेडी को 20.34 फीसदी के साथ 33 सीटें, कांग्रेस 4.86 फीसदी के साथ 7 सीटें, सीपीआई को 1.65 फीसदी, सीपीएम 1.06 और सीपीआई माले को 2.07 फीसदी वोट व एक सीट मिली थी, जिन्हें मिलाकर 29.08 फीसदी वोट और 41 सीटें होती हैं. हालांकि, 6.68 फीसदी वोटों के साथ एलजेपी को 2 सीटें मिली थीं जबकि अन्य को 18.99 फीसदी वोट और एक सीट मिली थी.

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इन नेताओं की साख दांव पर

नीतीश सरकार के तीन मंत्रियों की भी साख दांव पर है. इनमें मधुबन सीट से बीजेपी विधायक व सहकारिता मंत्री राणा राणा रंधीर, गौड़ा बोराम से जेडीयू विधायक और मंत्री मदन सहनी और पटना साहिब से बीजेपी विधायक व मंत्री नंद किशोर यादव हैं. इस तरह से बीजेपी कोटे के दो और जेडीयू कोटे से एक मंत्री की साख दांव पर है.

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तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से चुनाव मैदान में हैं जबकि उनके बड़े भाई और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव हसनपुर से लड़ रहे हैं. आरजेडी के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता उजियारपुर जबकि पूर्व सांसद व युवा आरजेडी के अध्यक्ष शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल बिहपुर सीट से मैदान में हैं.

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बाहुबलियों की बात की जाए तो रीतलाल यादव पटना की दानापुर सीट, पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर से चुनाव मैदान में हैं. जबकि पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रंधीर सिंह छपरा और भाई केदारनाथ सिंह बनियापुर से लड़ रहे हैं. वहीं, पूर्व सांसद रामा सिंह की पत्नी बीना सिंह वैशाली की महनार सीट से चुनावी भाग्य आजमा रही हैं.

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नए वोटर और सर्विस वोटर का रुख होगा निर्णायक

दूसरे चरण की 94 सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर नए वोटर और सर्विस वोटर का रुख निर्णायक साबित होगा. इस चरण वाले चुनाव क्षेत्रों में 6 लाख 80 हजार 291 नए वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जबकि 60 हजार 879 सर्विस वोटर भी देश के विभिन्न भागों से अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

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सबसे अधिक 27 प्रत्याशी महाराजगंज सीट पर

दूसरे चरण में 1463 उम्मीदवारों में सबसे अधिक 27 प्रत्याशी महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि सबसे कम मात्र चार उम्मीदवार धोरैया (सु) सीट से चुनाव मैदान में हैं. वहीं, मतदाताओं की संख्या के आधार पर दीघा निर्वाचन क्षेत्र सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है जबकि चेरियाबरियारपुर सबसे कम मतदाताओं वाला चुनाव क्षेत्र है.

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146 महिला प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में

दूसरे चरण में 146 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जबकि पहले चरण में 114 महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ रही थी. वहीं, दूसरे चरण में 1463 उम्मीदवारों में 1316 पुरुष उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं.

17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर मतदान

  • पश्चिम चंपारण की नौतन, चनपटिया, बेतिया सीट.
  • पूर्वी चंपारण की हरसिद्धि, गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पिपरा, मधुबन सीट.
  • सीतामढ़ी जिले की सीतामढ़ी, रून्नीसैदपुर, बेलसंड.
  • मधुबनी जिले की मधुबनी, राजनगर, झंझारपुर, फुलपरास सीट.
  • दरभंगा जिले की कुशेश्वरस्थान, गौड़ाबौराम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा ग्रामीण सीट शामिल हैं.
  • मुजफ्फरपुर जिले की मीनापुर, कांटी, बरुराज, पारू, साहेबगंज सीट
  • शिवहर जिले की शिवहर सीट शामिल है.
  • पटना जिले की बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर और फुलवारी सीट है.
  • गोपालगंज जिले की बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे, हथुआ सीट.
  • सिवान जिले की सिवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंदा, बड़हरिया, गौरेयाकोठी, महराजगंज
  • सारण जिले की एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मढ़ौरा, छपरा, गरखा, अमनौर, परसा, सोनपुर सीट शामिल है.
  • वैशाली जिले की हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, महुआ, राजापाकर, राघोपुर, महनार.
  • समस्तीपुर जिले की उजियारपुर, मोहिउद्दीननगर, विभूतिपुर, रोसड़ा, हसनपुर.
  • बेगूसराय जिले की चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघड़ा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय, बखरी.
  • खगड़िया जिले की अलौली, खगड़िया, बेलदौर, परबत्ता.
  • भागलपुर जिले की बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती, भागलपुर, नाथनगदा.
  • नालंदा जिले की अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर, इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा, हरनौत सीट शामिल हैं.

बिहार में दूसरे चरण के 17 जिलों की 94 सीटों पर मतदान को लेकर चुनाव आयोग के द्वारा 41,403 ईवीएम ( बैलेट यूनिट ) का प्रयोग किया जाएगा. इसके अलावा 41,362 कंट्रोल यूनिट और 41,362 वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा. दूसरे चरण के चुनाव को लेकर संबंधित जिलों में 41 हजार 362 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इस चरण में 2 करोड़ 86 लाख 11 हजार 164 मतदाता वोट देंगे. इनमें 1 करोड़ 50 लाख 33 हजार 34 पुरुष, 1 करोड़ 35 लाख 16 हजार 271 महिला और थर्ड जेंडर के 980 मतदाता शामिल हैं.

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