रांची : झारखंड के गिरिडीह जिले के सुदूरवर्ती गांव का एक आदिवासी युवक प्रसिद्ध डायना अवार्ड से सम्मानित हुआ है. सम्मानित हुआ युवक तिसरी प्रखंड का रहने वाला है.
बाल मजदूरों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करने व स्कूल तक भेजने पर एक आदिवासी युवक को ब्रिटेन का प्रतिष्ठित डायना अवार्ड से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान बुधवार की देर रात को मिला है. सम्मानित हुआ युवक गिरिडीह के तिसरी प्रखंड के दुलियाकरम निवासी नीरज मुर्मू है. नीरज को यह सम्मान बुधवार की देर रात तक चले कार्यक्रम के दौरान ऑनलाइन दिया गया.
इस ऑनलाइन सम्मान समारोह में उनके साथ कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के प्रतिनिधि मुकेश तिवारी मौजूद थे. तिसरी में ही आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण भी मौजूद थे.
बन्द खदान में ढिबरा चुनता था नीरज
बताया गया कि रामजीत मुर्मू का पुत्र नीरज मुर्मू माइका की बन्द खदानों से ढिबरा चुनने का काम करता था. वर्ष 2011 में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के सदस्यों ने नीरज का नाम चन्दौरी स्थित बालक मध्य विद्यालय में लिखवाया था.
इसके साथ ही नीरज बाल पंचायत का सदस्य बन गया. नीरज ने अपने साथ ढिबरा चुनने वाले 12 बच्चों का भी नामांकन स्कूल में करवाया.