कोबे (जापान) : जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में शिरकत करने जापान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया. उन्होंने दोनों देशों की सांस्कृतिक विविधता और संबंधों के मजबूत होने का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि जापान और भारत कई मामलों में एक हैं.
पढ़ें प्रधानमंत्री का बिंदुवार संबोधन
- दूसरे विश्व युद्ध के बाद मजबूत हुए भारत-जापान के रिश्ते, कई महापुरुषों का योगदान.
- इसी के बल पर आने वाले 5 वर्ष में 50 हजार स्टार्टअप का इको सिस्टम भारत को बनाने का लक्ष्य हमने रखा है
- डिजिटल लिटरेसी आज बहुत तेजी से बढ़ रही है. डिजिटल ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड स्तर पर हैं, इनोवेशन और इन्क्यूबेशन के लिए एक बहुत बड़ा इंफ्रास्ट्रेक्चर तैयार हो रहा है.
- मुझे खुशी है कि सफलता के साथ हम आगे बढ़ पा रहे हैं.
- भारत की 130 करोड़ जनता के जीवन को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए सस्ती और प्रभावी स्पेस टेक्नोलॉजी हासिल करना हमारा लक्ष्य है.
- मजबूत हो रहा है भारत, जापान के साथ रिश्तों की नई इबारत लिखी जा रही है.
- पीएम आबे मेरे संसदीय क्षेत्र और दुनिया की सबसे पुरानी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नगरी में से एक काशी में गंगा आरती में शामिल हुए. उनकी ये तस्वीरें भी हर भारतीय के मन में बस गई हैं.
- पीएम आबे को दिल्ली के अलावा अहमदाबाद और वाराणसी ले जाने का सौभाग्य मुझे मिला.
- 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, मुझे मेरे मित्र प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे के साथ मिलकर इस दोस्ती को मजबूत करने का मौका मिला.
- लगभग दो दशक पहले, प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी और प्रधानमंत्री योशिरो मोरी जी ने मिलकर हमारे रिश्तों को ग्लोबल पार्टनरशिप का रूप दिया था.
- भारत का बच्चा-बच्चा इसे भली भांति जानता है, लेकिन बहुत कम लोगों को ये पता है कि जिन तीन बंदरों को इस संदेश के लिए बापू ने चुना उनका जन्मदाता 70वीं सदी का जापान है.
- गांधी जी की एक सीख बचपन से हम लोग सुनते आए हैं और वो सीख थी 'बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो'.
- इनके मूल में आत्मीयता है, सद्भावना है, एक दूसरे की संस्कृति और सभ्यता के लिए सम्मान है
- जब दुनिया के साथ भारत के रिश्तों की बात आती है तो जापान का उसमें एक अहम स्थान है. ये रिश्ते आज के नहीं हैं, बल्कि सदियों के हैं.
- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के जिस मंत्र पर हम चल रहे हैं, वो भारत पर दुनिया के विश्वास को भी मजबूत करेगा
- न्यू इंडिया की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ये जनादेश मिला है. जो पूरे विश्व के साथ हमारे संबंधों को नई ऊर्जा देगा.
- लोकतंत्र के प्रति भारत के सामान्य जन की निष्ठा अटूट है. हमारी लोकतांत्रिक संस्थाएं और लोकतांत्रिक प्रणाली दुनिया में अग्रणी है.
- भारत की यही शक्ति 21वीं सदी के विश्व को नई उम्मीद देने वाली है.
- ये जीत सच्चाई की जीत है, भारत के लोकतंत्र की जीत है.
- 1971 के बाद देश ने पहली बार एक सरकार को प्रो इंकम्बेंसी जनादेश दिया है.
- तीन दशक बाद पहली बार लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है
- 130 करोड़ भारतीयों ने पहले से भी मजबूत सरकार बनाई है. ये अपने आप में बहुत बड़ी घटना है.
- सात महीने बाद एक बार फिर मुझे जापान की धरती में आने का मौका मिला था.
- पिछले बार जब मैं आया था तब मेरे मित्र सिंजो आबे पर भरोसा कर आपने उन्हें जिताया था.
- इस बार जब मैं आया हूं तब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत ने इस प्रधान सेवक पर पहले से ज्यादा प्यार और विश्वास जताया है.
इससे पहले पीएम मोदी ने जापानी समकक्ष शिंजो आबे से भेंट की. दोनों नेताओं के बीच आपसी महत्व के मुद्दों पर व्यापक रूप से चर्चा हुई. मोदी ने कहा कि जिस गर्मजोशी के साथ जापानी सरकार ने मेरा और मेरी पार्टी का स्वागत किया, इसके लिए धन्यवाद. जब भारत में चुनावी नतीजे आए थे उस वक्त जापान ने सबसे पहले बधाई दी थी.
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दूसरी तरफ शिंजो आबे ने कहा कि, अगली बार भारत आने की बारी उनकी है और वे अपनी यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं.