मुंबई: बंबई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति दामा एस नायडू ने भारतीय अदालतों में मुकदमों को समाप्त होने में अत्यधिक समय लगने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि अदालतों में ‘टाइम मशीन’ हैं, जहां मामले अनिश्चितकाल तक चलते रहते हैं.
बता दें, किराया नियंत्रण अधिनियम से संबंधित एक मामले में अदालत ने शुक्रवार को कहा कि यह मुकदमा 1986 में शुरू हुआ था, इसके बाद कई अपील, आवेदन और याचिकाएं दायर हुईं लेकिन मामला फिर भी
नहीं सुलझा और वास्तविक मकान मालिक और किरायेदार अब जीवित भी नहीं हैं.
न्यायमूर्ति दामा एस नायडू ने कहा कि कई मामलों में दोनों पक्षों के वादियों की मृत्यु हो जाती है और मुकदमेबाजी उनकी बाद की पीढ़ियों द्वारा की जाती है.