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उत्तर प्रदेश : कोविड-19 अस्पतालों में मरीजों के मोबाइल पर लगी पाबंदी हटी

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Published : May 24, 2020, 9:27 PM IST

यूपी के कोविड-19 के L-2 अस्पतालों में मरीजों के मोबाइल पर लगाई गई पाबंदी को हटा दिया गया है. पहले जारी आदेश में कहा गया था कि मोबाइल फोन की वजह से संक्रमण फैल सकता है, जिसके चलते आइसोलेशन वार्ड में किसी भी मरीज को मोबाइल न ले जाने की बात कही गई थी.

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अस्पतालों में मरीजों के मोबाइल पर लगी पाबंदी हटी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कोरोना के संक्रमण और बचाव के लिए प्रदेशभर के सभी चिकित्सा संस्थानों में कोरोना वार्ड की आइसोलेशन यूनिट में मरीजों को मोबाइल फोन ले जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी, जिसे अब कुछ शर्तों के साथ हटा लिया गया है.

दो दिन पहले उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश को बदल दिया गया है. मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में मोबाइल न ले जाने वाले इस फैसले में अब नए नियम और शर्तों के साथ उन्हें मोबाइल ले जाने की अनुमति दी गई है.

आदेश की प्रति

उत्तर प्रदेश चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग द्वारा 22 मई को यह आदेश जारी किया गया था कि आइसोलेशन वार्ड में किसी भी मरीज के मोबाइल फोन ले जाने पर पाबंदी रहेगी. इस आदेश के पीछे मोबाइल फोन से संक्रमण फैलने की बात कही गई थी. आदेश के बाद मरीजों और कुछ डॉक्टरों के विरोध के बाद इस आदेश को नए नियम-कानून के साथ बदल दिया गया है. 24 तारीख को जारी किए नए आदेश में कहा गया है कि मरीज कुछ शर्तों के साथ ही अपना निजी मोबाइल फोन आइसोलेशन वार्ड में इस्तेमाल कर सकते हैं.

आइसोलेशन वार्ड में जाने से पहले मरीज को अपने मोबाइल फोन और चार्जर के बारे में वार्ड इंचार्ज को सूचित करना होगा. उस मोबाइल फोन और चार्जर को समय-समय पर सैनिटाइज्ड किया जाएगा. एक मरीज द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा मोबाइल फोन किसी अन्य मरीज या स्वास्थ्य कर्मी के साथ साझा नहीं होगा. आइसोलेशन वार्ड से निकलने के बाद एक बार फिर मरीज को अपने मोबाइल फोन और चार्जर की जानकारी वार्ड इंचार्ज को देनी होगी.

22 मई को जारी हुए इस आदेश के बाद मरीजों के परिजनों ने इस बात का विरोध किया था और कुछ विशेषज्ञों का भी मानना था कि आइसोलेशन वार्ड में रहने पर हर चीज को सैनिटाइज किया जाता है. ऐसे में मोबाइल फोन से संक्रमण होने की गुंजाइश नहीं है. विरोध के बाद चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा के महानिदेशक डॉ. के के गुप्ता ने 24 मई को पहले के आदेश में कुछ नई शर्तें जोड़कर संशोधन के रूप में से जारी किया है.

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