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‘जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर’ पर पाबंदी : आमने सामने आए BJP-PDP , महबूबा ने दी चेतावनी

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Published : Mar 8, 2019, 12:11 AM IST

केंद्र सरकार ने आतंकि गतिविधियों में कथित संलिप्तता के संदेह में ‘जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर’ पर पाबंदी लगाई है. इसके विरोध में PDP कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली. पूर्व CM महबूबा मुफ्ती ने रैली की अगुवाई की. BJP नेता कविंद्र गुप्ता ने ऐसा करने पर मुफ्ती को गिरफ्तार करने की मांग की है.

महबूबा मुफ्ती और कविंद्र गुप्ता

श्रीनगर: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ‘जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर’ पर पाबंदी लगाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ अनंतनाग में अपनी पार्टी द्वारा आयोजित एक विरोध रैली की अगुवाई की. उन्होंने और जमात पर लगी पाबंदी हटाने की मांग की. इसके बाद बीजेपी नेता कविंद्र गुप्ता ने कहा कि विरोध करने के लिए महबूबा मुफ्ती को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

बता दें कि आतंकी संगठनों से करीबी संबंध होने के आरोप में ‘जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर’ पर पाबंदी लगाई गई है. इसके विरोध में बुधवार को राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आयोजित रैली में अपनी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं की अगुवाई की.

खानाबल इलाके में एक आवासीय कॉलोनी के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पीडीपी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने हिस्सा लिया. उन्होंने जमात पर लगी पाबंदी हटाने की मांग की और पिछले महीने पुलिस कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिए जमात के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की.

पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने चेताया कि यदि पाबंदी नहीं हटाई गई तो वह अपना विरोध प्रदर्शन तेज करेंगी.

महबूबा ने कहा, 'हमारे इमामों और मौलवियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. 70-80 साल की उम्र के बुजुर्गों को जेल में डाला जा रहा है. जमात-ए-इस्लामी के दफ्तर सील कर दिए गए हैं. अहले-हदीस विचारधारा के लोगों को जेल में डाला जा रहा है. पीडीपी इन सबके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. हम बाहुबल नहीं दिखाने देंगे.'

पीडीपी प्रमुख ने कहा, 'हम जिला स्तर पर प्रदर्शन करेंगे और तब हर विधानसभा क्षेत्र में करेंगे. हम चाहते हैं कि पाबंदी हटा ली जाए और इन बुजुर्गों को रिहा किया जाए. उन्हें लोगों को यह भी बताना होगा कि उनका गुनाह क्या है, उन पर क्या आरोप है, साक्ष्य क्या हैं और उन्हें किस आधार पर जेल भेजा गया है.'

केंद्र सरकार ने आतंक निरोधक कानून के तहत बीते 28 फरवरी को जमात पर पांच साल के लिए पाबंदी लगाई थी.

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