बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली से विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल की बेटी के प्रेम विवाह मामले में एक नया ट्विस्ट आ गया है. विधायक की बेटी शादी का जो प्रमाण पत्र दिखा रही है उसे फर्जी करार दिया गया है. ऐसा करने वाला कोई और नहीं, बल्कि उस मंदिर के महंत परशुराम दास हैं. महंत ने इस शादी को फर्जी बताया है. वहीं इस मामले में साक्षी के पिता राजेश मिश्रा ने मीडिया को बताया कि उन्हें अजितेश की जाति से नहीं बल्कि उम्र पर आपत्ति थी. अजितेश साक्षी से नौ साल बड़ा है. राजेश ने कहा कि यदि उन्हें ज्यादा परेशान किया तो जान दे देंगे. बता दें कि अजितेश साक्षी के भाई का मित्र था और उसी के जरिए विधायक के घर आता जाता था.
परशुराम दास ने बताया कि यहां पर किसी तरह की कोई शादी नहीं हुई है. मंदिर के महंत परशुराम दास का कहना है कि पंडित झूठा है, यहां किसी तरह की कोई शादी नहीं होती है, मंदिर मेरा है, अगर यहां ऐसा होता तो हमारी मुहर और फोटो होती, जिसने ऐसा करवाया है, वह पंडित झूठा है.
- ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि पंडित फर्जी है, रामजानकी मंदिर में शादी ही नहीं होती.
- रामजानकी मंदिर के महंत का कहना है कि यहां भजन-कीर्तन के अलावा कोई दूसरा कार्य नहीं होता.
- महंत का कहना कि ये एक साजिश का हिस्सा है, जिससे किसी तरह मंदिर पर कब्जा किया जा सके.
एक के बाद एक आ रहे मोड़ में ये भी सामने आया कि विधायक की बेटी साक्षी ने जिस अजितेश नामक व्यक्ति से शादी की उसकी पहले से ही शादी हुई थी, जिसका बाद में खुलासा हुआ की लड़के की शादी नहीं पूर्व में सगाई हुई थी.
आपको बता दें, अनुसूचित जाति के युवक से शादी करने के बाद बरेली के बिजेपी विधायक की बेटी साक्षी चर्चा में आई. चर्चा में आने का कारण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे साक्षी के दो वीडियो थे, जिसमें वे अपने परिवार से अपनी और अपने पति की जान को खतरा बता रहीं थी. साथ ही अपील कर रहीं थी कि उन्हे परेशान न किया जाए. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यदि उन्हे कुछ होता है तो उसके, जिम्मेदार उसके पिता और भाई होंगे. साथ ही वीडियो में लगातार उन्होंने राजीव राणा का जिकर किया है.