इंफाल :कोविड-19 महामारी ने सभी लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. इससे आजीविका पर भी गहरा असर पड़ा है. वहीं कोरोना की वजह से लाखों लोग बेरोजगार भी हुए हैं. इन सबके बीच कुछ युवा ऐसे भी हैं जो कोरोना काल में जीवनयापन के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं. ऐसा ही एक तरीका मणिपुर की टोंगब्रम बिजयशांति ने निकाला है.
कमल के डंठल से बना रहीं धागे और मास्क
मणिपुर के बिसेनपुर जिले की 27 वर्षीय टोंगब्रम बिजयशांति ने कमल के फूलों के डंठल से धागा और कपड़ा बनाने का अनोखा काम शुरू किया है. इसके साथ-साथ वह अब उसी पौधे के डंठल से मास्क बनाने का काम भी कर रही हैं. लोकतक झील के पास थंगा टोंगब्रम इलाके की निवासी बिजयशांति ने बताया कि वह 15 महिलाओं के साथ इस योजना में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि वह 20 और महिलाओं को भी प्रशिक्षित करने का काम रही हैं. बता दें, लोकतक झील में बड़ी संख्या में कमल के फूल उगते हैं.
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इंटरनेट से मिला ज्ञान
बिजयशांति ने कहा कि उसने 2018-19 में अपने कारोबार को शुरू करने के लिए कमल के तने से धागा और कपड़ा बनाया था. उसके बनाए कपड़े को टेस्टिंग के लिए गुजरात प्रयोगशाला भेजा गया, जहां उनको हरी झंडी दे दी गई. वनस्पति विज्ञान में ग्रेजुएट बिजयशांति ने कहा कि मैंने उत्पादन पद्धति के बारे में ज्यादातर इंटरनेट से ही सीखा. उन्होंने कहा कि मेरे एक शिक्षक ने मुझसे इसे जीविका का स्रोत बनाने के लिए प्रेरित किया, तो 2017-18 में यह काम शुरू कर दिया.
पीएम मोदी ने की थी सराहना
रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बिजयशांति के प्रयासों की सराहना भी की थी. इसके अलावा राज्य के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने भी ट्वीट कर बिजयशांति के डंठल से धागा और कपड़ा बनाने के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमल के डंठल से धागा बनाने वाली मणिपुर की बिजयशांति की सराहना की. उनके प्रयासों ने कमल की खेती और वस्त्र उद्योग के नए आयाम खोल दिए हैं. बता दें, कमल के डंठल से बने कपड़ों की विदेशों में बेहद मांग है.