चेन्नई : मदुरै तमिलनाडु का प्रचीन शहर है. यह शहर अपने इतिहास और अपने नाम को लेकर लंबे समय से चर्चा में रहा है. अपने नाम के कारण मदुरै शहर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल से भी जुड़ गया है. मदुरै और मथुराई विकल्पों में से पंडित नेहरू ने ही मदुरै नाम चुना था और इस शहर का नाम मदुरै (Madurai) पड़ा.
भारतीय प्रायद्वीप के सबसे प्राचीनतम शहरों में एक मदुरै अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है. अंग्रेजों ने 2000 वर्ष से अधिक पुराने शहर का नाम मदुरा बताया और उपनिवेशी काल में जगहों की सूची में भी इस शहर का नाम मदुरा था. बाद में इसे मथुराई भी लिखा गया.
उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल मथुरा के नाम को लेकर भ्रम की स्थिति के कारण देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से हस्तक्षेप की मांग की गई थी. साल 1962 में तत्कालीन नगर परिषद ने प्रधानमंत्री नेहरू को मथुरई (MATHURAI) और मदुरै (MADURAI) नामों के विकल्प भेजे थे. तब पंडित नेहरू ने मदुरै विकल्प पसंद करते हुए आगे से इस नाम का उपयोग किए जाने के निर्देश दिए थे. तभी से तमिलों की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध यह शहर मदुरै के रूप में लिखा जाता है, जिस नाम से यह पुरातन काल से पुकारा जाता था.
हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने तमिल उच्चारण से तालमेल बैठाने के लिए 1018 शहरों और कस्बों के अंग्रेजी नाम में बदलाव किया है. हालांकि, मदुरै नाम को बरकरार रखा है, जिसे पंडित जी ने चुना था.
तमिलनाडु सरकार ने बीते हफ्ते एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें 1018 शहरों और कस्बों के नाम बदल दिए गए. सरकार के इस कदम से राजनीतिक दलों के बीच बहस छिड़ गई है. सरकार का कहना है कि नामों को अंतिम रूप देने से पहले तमिल भाषा के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया गया था और भाषाविदों के इनपुट को भी ध्यान में रखा गया था. हालांकि, कई स्थानों के अंग्रेजी उच्चारण में बदलाव किया गया, लेकिन मंदिरों के शहर मदुरै के पुराने नाम को बरकरार रखा है.