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हिंदी पर जंगः 'कोई 'शाह' नहीं तोड़ सकता 1950 का ये वादा'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की एक भाषा के रूप में हिंदी को बढ़ावा दिए जाने की बात कही. इसके बाद देश भर में लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं और ट्वीटर पर (#StopHindiImposition) अभियान चलाया. इसी क्रम में अब कमल हासन ने कहा है कि एक देश में कई भाषाएं होनी चाहिए.

कमल हासन और अमित शाह

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Published : Sep 16, 2019, 4:05 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 8:18 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की एक भाषा के रूप में हिंदी को बढ़ावा दिए जाने की बात कही है. इसके बाद इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही है. ताजा घटनाक्रम में कमल हासन ने कहा है कि एक देश में कई भाषाएं होनी चाहिए.

कमल हासन ने ट्वीट कर कहा, 'अब आप हमें यह साबित करने पर तुले हैं कि भारत एक स्वतंत्र देश बना रहेगा.'

उन्होंने आगे कहा, 'नया कानून या नई योजना बनाने से पहले आपको लोगों से सलाह लेनी चाहिए.'

कमल हासन ने वीडियो ट्वीट कर लिखा कि 'एक देश में कई भाषाएं' (one nation many languages) होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि संविधान ने हम सबको अधिका दिया है. 1950 में ही यह तय हो गया था. फिर कोई सुल्तान हो या 'शाह', इसे वादे को कैसे तोड़ सकता है ?

दरअसल, हिंदी दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में हिंदी भाषा का प्रयोग कर भारत की एक भाषा के रूप में बापू और सरदार पटेल का सपना पूरा करने की अपील की.

पढ़ें- हिंदी दिवस : आखिर ट्विटर पर क्यों ट्रेंड कर रहा है #StopHindiImposition

शाह के इस बयान के बाद ट्विटर पर हिंदी कोनाथोपन(#StopHindiImposition) की मुहिम छिड़ गई. जिसके बाद कुछ देर में हिंदी को थोपने के खिलाफ एक लाख से ज्यादा हैशटैग ट्वीट किए गए.और लोगों ने अपनी अपनी प्रतिक्रियांए दीं.

Last Updated : Sep 30, 2019, 8:18 PM IST

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