नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के टोक्यो में क्वाड समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले सभी देशों के आर्थिक व सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाना प्रमुख प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि हमारे देशों ने खुले और समावेशी भारत-प्रशांत को कायम रखने के महत्व पर सामूहिक रूप से प्रतिबद्धता जताई है.
उन्होंने कहा कि हम नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसे कानून के शासन, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन का समर्थन हासिल हो. हमारा उद्देश्य हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले देशों के आर्थिक हितों व सुरक्षा को आगे बढ़ाना है.
जयशंकर ने कहा कि यह संतोष की बात है कि हिंद-प्रशांत संकल्पना को व्यापक रूप से स्वीकृति मिल रही है.
चीन की विस्तारवादी नीति पर बढ़ती वैश्विक चिंता पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत नियमों पर आधारित विश्व व्यवस्था, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान तथा विवादों के शांतिपूर्ण हल के लिए प्रतिबद्ध है.
क्वाड चार देशों का समूह है जिसमें अमेरिका और भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया व जापान भी शामिल हैं. क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य आक्रामकता को लेकर बढ़ती चिंताओं की पृष्ठभूमि में हो रही है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्वाड समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए मुक्त, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने की अपनी साझा स्थिति के बारे में भी चर्चा की.
इस बैठक में जयशंकर के अलावा जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोटेगी, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पैने और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी भाग ले रहे हैं.
जयशंकर ने कहा, 'साझा मूल्यों के साथ जीवंत और बहुलवादी लोकतंत्रों के रूप में हमारे देशों ने स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत बनाए रखने के महत्व की सामूहिक रूप से पुष्टि की है.'
उन्होंने कहा, 'हम नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें कानून के शासन, पारदर्शिता, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के प्रति सम्मान और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान शामिल हों.'