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ISI और डी कंपनी एक्टिव, तलाशा नकली नोट पहुंचाने का नया रास्ता

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Published : Jun 2, 2019, 9:16 AM IST

भारत में एक बार फिर निकली नोट का गोरख धंधा शुरू हो चुका है. इस बात का खुलासा खुद नकली नोटों का कारोबार करने वाले गिरोह के सरगना यूनुस अंसारी ने किया. कैसे हुआ खुलासा, कैसा आया यूनुस लोगों के सामने जानने के लिए पढ़े पूरी खबर.

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नई दिल्ली: नकली नोटों की देश में आमद पर पिछले दिनों विराम लग गया था, लेकिन अब फिर भारत के पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी पैमाने पर इसकी आमद होने लगी है.

राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी, (एनआईए) की जांच से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान स्थित आईएसआई और डी-कंपनी की सांठगांठ से देश में नकली नोटों की आपूर्ति एक बार फिर शुरू हो गई है.

दरअसल, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने नकली नोटों का कारोबार करने वाले गिरोह के सरगना यूनुस अंसारी की नेपाल में गिरफ्तार किया. जिसके बाद उसने पूछताछ में नकली नोटों से जुढ़े कारोबार की सांठ गांठ से पर्दा उठाया.

अंसारी के साथ-साथ तीन पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान मुहम्मद अख्तर, नादिया अनवर और नसीरुद्दीन के रूप में की गई.

भारतीय अधिकारियों के अनुसार, अंसारी का आईएसआई और दाउद इब्राहिम से करीबी संबंध है और वह नकली नोटों का कारोबार करने वाले गिरोह का सबसे बड़ा खिलाड़ी है.

एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी के वक्त अंसारी और उसके सहयोगियों के पास से सात करोड़ रुपये मूल्य के नकली नोट बरामद हुए.

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अंसारी ने पूछताछ में बताया कि भारत में अब नकली नोट केवल नेपाल से ही नहीं आ रहे बल्कि अब बंग्लादेश से लगी भारत की पूर्वी सीमा के रास्ते नकली नोट भारत में आ रहे हैं.

पूछताछ के दौरान आरोपी ने इस बात का खुलासा किया कि नकली नोट बांग्लादेश में छापे गए थे और उसे राष्ट्रीय राजधानी के व्यस्त बाजारों व दुकानों में खपाने की योजना थी

गौरतलब है कि पाकिस्तान पहले भारत में नकली नोट भेजने के लिए नेपाल के रास्ते का उपयोग करता था. हाल ही में पश्चिम बंगाल के एक आदमी को 10 लाख रुपये मूल्य के नकली नोटों के साथ आनंद विहार रेलवे स्टेशन से दबोचा गया था.

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