नई दिल्ली : इंडीजीनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ ट्विप्रा (आईएनपीटी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ संयुक्त आंदोलन (जेएमएसीएए) के नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने त्रिपुरा को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के दायरे से बाहर रखने की अपील की.
संयुक्त आईएनपीटी और जेएमएसीएए प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार शाम को गृह मंत्री शाह को उनके आवास पर त्रिपुरा के अविभाज्य लोगों की चिंता से अवगत कराया.
इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए जेएमएसीएए के प्रवक्ता और आईएनटीपी के महासचिव जगदीश देबबर्मा ने कहा कि इस अधिनियम से राज्य की संस्कृति और लोगों की पहचान के लिए एक गंभीर खतरा पैदा हो गया है.
आईएनपीटी के महासचिव से बातचीत पढ़ें- त्रिपुरा में बसाए जाएंगे 30 हजार ब्रू शरणार्थी, 600 करोड़ रुपये का पैकेज : अमित शाह
देबबर्मा ने कहा कि अगर सरकार नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और यहां तक कि मेघालय को भी अधिनियम के दायरे से बाहर रख सकती है, तो त्रिपुरा क्यों नहीं.
देबबर्मा ने कहा कि वह नागरिकता संशोधन विधेयक का तब से विरोध कर रहे थे, जब से यह 2016 में शुरू किया गया था. उन्होंने कहा कि आईएमपीटी कभी भी संशोधित नागरिकता अधिनियम का समर्थन नहीं करेगी.
बता दें कि दोनों पक्षों ने हाल ही में सीएए के विरोध में त्रिपुरा में सड़क और रेल यातायात रोक दिया था. वहीं इससे उलट, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने सीएए का स्वागत किया है.