नई दिल्ली : नीति आयोग ने 'भारत नवाचार सूचकांक (III) 2019' (India Innovation Index (III) 2019) जारी कर दिया है. इस सूची में कर्नाटक शीर्ष पर रहा है. हिंदी भाषी राज्यों में बिहार-झारखंड-छत्तीसगढ़ काफी निचले पायदान पर रहे हैं. इस मौके पर अमिताभ कांत ने कहा कि इंडिया इनोवेशन इंडेक्स की शुरुआत इज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ हुई.
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारत एक बहुत बड़ा देश है, हम यूरोप के 24 देशों से भी बड़े हैं. ऐसे में भारत के राज्यों को चैंपियन बनना पड़ेगा, वहां चीजें आसान होनी चाहिए. राज्यों में चीजों को आसान किए बिना लंबी अवधि में भारत का तेज विकास मुश्किल है. इसलिए हमने राज्यों की रैंकिंग शुरू की
इंडिया इनोवेशन इंडेक्स जारी करने के मौके पर अमिताभ कांत का संबोधन इस रैंकिंग के लिए नीति आयोग ने ज्ञान साझेदार के रूप में प्रतिस्पर्धी क्षमता के लिए संस्थान (इंस्टीट्यूट फॉर कम्पीटिटिवनेस) के साथ मिलकर काम किया.
इस सूची के मुताबिक कर्नाटक भारत में सर्वाधिक अभिनव प्रमुख राज्य है. इस दृष्टि से शेष शीर्ष 10 प्रमुख राज्यों में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, तेलंगाना, हरियाणा, केरल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात और आंध्र प्रदेश हैं.
इनोवेशन इंडेक्स का पहला भाग शीर्ष 10 प्रमुख राज्य मुख्यत: दक्षिण एवं पश्चिम भारत में केंद्रित हैं.
इनोवेशन इंडेक्स का दूसरा भाग इनोवेशन इंडेक्स का तीसरा भाग सिक्किम और दिल्ली क्रमश: पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों/सिटी राज्यों/छोटे राज्यों में शीर्ष स्थान पर हैं.
इनोवेशन इंडेक्स में पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों की स्थिति इनोवेशन इंडेक्स में पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों की स्थिति (भाग-2) दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश कच्चे माल को उत्पादों में तब्दील करने के मामले में सर्वाधिक कुशल राज्य हैं.
इनोवेशन इंडेक्स में केद्र शासित प्रदेशों की स्थिति इनोवेशन इंडेक्स में केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति (भाग-2) इस अध्ययन में भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नवाचार परिवेश पर गौर किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य एक समग्र टूल या साधन बनाना है. इसका उपयोग देश भर के नीति निर्माता उन चुनौतियों की पहचान करने में कर सकते हैं, जिनका सामना किया जाना है.
इसके साथ ही इस टूल या साधन का उपयोग देश भर के नीति निर्माता अपने-अपने क्षेत्रों में आर्थिक विकास नीतियों को तैयार करते वक्त विभिन्न ताकतों को सुदृढ़ करने में कर सकते हैं.
राज्यों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है: प्रमुख राज्य, पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्य, और केंद्र शासित प्रदेश/सिटी राज्य/छोटे राज्य.
इससे पहले नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, विज्ञान विभाग में सचिव श्री आशुतोष शर्मा, जैव प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव रेणु स्वरूप और आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की उपस्थिति में इस सूचकांक को जारी किया गया.
सूची जारी करने के बाद डॉ. राजीव कुमार ने उम्मीद जताई कि भारत नवाचार सूचकांक दरअसल नवाचार परिवेश के विभिन्न हितधारकों के बीच सामंजस्य सृजित करेगा. उन्होंने कहा, आशा है कि भारत आगे चलकर प्रतिस्पर्धी क्षमता वाले सुशासन की ओर अग्रसर हो जाएगा.
इस मौके पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ कांत ने कहा कि दुनिया में अग्रणी अभिनव देश बनने के लिए अपनी असंख्य चुनौतियों के बीच भारत के पास एक अनूठा अवसर है.
(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई)