मुंबई : पीएमओ अपने आप में एक सार्वजनिक प्राधिकरण है, जो आरटीआई में खुद पीएमओ द्वारा किया गया एक चौंकाने वाला खुलासा है. एक वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने प्रधानमंत्री कार्यालय में चार विभिन्न प्रकार के आरटीआई आवेदन किए थे. गलगली के सभी आरटीआई को इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि पीएमकेयर्स फंड आरटीआई अधिनियम, 2015 की धारा 2 (एच) के तहत एक सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है.
पीएमओ का पीएम केयर्स फंड पर आरटीआई के तहत जानकारी देने से इनकार
पीएमओ कार्यालय ने पीएम केयर्स फंड को एक सार्वजनिक प्राधिकरण बताते हुए आरटीआई का जबाव देने से इनकार कर दिया है. कोविड 19 महामारी से लड़ने के लिए सभी क्षेत्रों के नागरिक प्रधानमंत्री केयर्स फंड में योगदान दे रहे हैं.
कोविड 19 महामारी से लड़ने के लिए आम नागरिक प्रधानमंत्री केयर्स फंड में योगदान दे रहे हैं. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने ऐसी स्थिति में राजनीतिक दलों के योगदान के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी मांगी थी. गलगली ने चार अलग-अलग विषयों पर जानकारी मांगने की कोशिश की थी.
अनिल गलगली ने जानकारी से इनकार करते हुए कहा एक तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी से भी कोई सवाल और जानकारी पूछने की अपील कर रहे हैं और दूसरी तरफ, उनका पीएमओ कार्यालय मोदी की अपील का मजाक उड़ा रहा है. आरटीआई कार्यकर्ता गलगली ने पीटीआई के माध्यम से पी केयर्स के बारे में सवालों के जवाब नहीं देने का आरोप लगाया है.