नई दिल्ली :विवादित भारत-चीन सीमा से लगी हिमालय की महत्वपूर्ण पर्वत चोटियों पर तापमान घटकर माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे इन इलाकों में तैनात दोनों पक्षों के हजारों सैनिकों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. हालांकि भारतीय सैनिक कठिन परिस्थितियों के बावजूद चीन के लिए चुनौती बने हुए हैं.
इस बीच भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के पूर्वी लद्दाख के गतिरोध को लेकर सातवीं बार 12 अक्टूबर को मिलने की उम्मीद है. हालांकि पिछली सभी वार्ताएं विफल रही हैं, जिससे मामले के जल्दी सुलझने की उम्मीदें घटी है.
पिछले महीनों में सैनिकों को 17,000 फीट तक ऊंची चोटियों पर उतारा गया है. यह ऐसे दुर्गम इलाके हैं, जहां सैनिकों को लाने ले-जाने में खासा समय लगता है.
इससे पहले 29 अगस्त को भारत ने अंधेरे में चुपके से एक ऑपरेशन चलाकर दक्षिणी तट पर पैंगोंग त्सो झील के पास 16,000 फीट की ऊंचाइयों और पर्वत के दर्रे पर कब्जा कर लिया था.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन बिंदुओं पर केवल भोजन और पानी ही पहुंच पा रहा है. परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों के बीच छह महीने से चल रहा सीमा विवाद अब धैर्य की परीक्षा ले रहा है, क्योंकि दोनों ही पक्ष युद्ध के लिए तैयार नजर आते हैं.
एक महीने से अधिक समय से चोटियों पर जमे सैनिकों में स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) के लोग शामिल हैं. यह एक विशेष बल है, जिसमें तिब्बती शरणार्थियों को शामिल किया गया था.