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नौसेना ने अंडमान-निकोबार से संदिग्ध चीनी जहाज वापस भेजा

भारतीय नौसेना ने भारत की जल सीमा में घुसे एक संदिग्ध चीनी जहाज को वापस लौटाया है. घटना पोर्ट ब्लेयर के पास की है. जानें पूरा मामला

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संदिग्ध चीनी जहाज

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Published : Dec 3, 2019, 12:42 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 2:22 PM IST

नई दिल्ली : एक अहम घटनाक्रम में भारतीय नौसेना ने संदिग्ध चीनी जहाज को वापस लौटा दिया है. जानकारी के मुताबिक चीनी जहाज, पोर्ट ब्लेयर के पास भारत की जल सीमा में आ गया था.

आरंभिक जानकारी के मुताबिक चीनी रिसर्च पोत (जहाज) शी यान-एक पोर्ट ब्लेयर के पास अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर रिसर्च संबंधी काम कर रहा था. ये इलाका भारतीय जल सीमा में आता है.

सरकार के सूत्रों के मुताबिक समुद्री निगरानी के काम में लगे एयरक्राफ्ट की मदद से संदिग्ध चीनी जहाज शी- यान का पता लगाया गया.

सूत्रों के मुताबिक चीनी जहाज का इस्तेमाल भारत की गतिविधियों की जासूसी के लिए किए जाने की आशंका थी. अंडमान निकोबार द्वीप समूह से भारत दक्षिण पूर्वी एशिया के क्षेत्रों के अलावा IOR पर भी नजर रखता है.

एंजेंसियों द्वारा जब पता चला कि भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र(ईईजी) में जहाज रिसर्च गतिविधियों की जानकारी हासिल कर रहा है, तब भारतीय नौसेना द्वारा इसकी इसकी निगरानी करने के लिए एक युद्धपोत भेजा गया था.

चूंकि कानून विदेशी देशों को भारतीय ईईजी में किसी भी रिसर्च या खोज जैसे कार्य करने की अनुमति नहीं देता है. भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने चीनी रिसर्च पोत को भारतीय क्षेत्र से बाहर जाने के लिए कहा.

सूत्रों के मुताबिक भारतीय नौसेना के चेतावनी देने के बाद, चीनी पोत शी यान भारतीय क्षेत्र से अन्य क्षेत्र में चला गया था.

भारतीय नौसेना उन चीनी जहाजों पर लगातार निगरानी रखती है, जो भारतीय नौसेना के क्षेत्र के पास से मलक्का जलडमरूमध्य होकर हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करते हैं.

हाल ही में, भारतीय नौसेना के P-8आई समुद्री निगरानी विमान ने हिंद महासागर क्षेत्र में और उसके आसपास में संचालित सात चीनी नौसेना के युद्धपोतों का पता लगाया था.

भारतीय नौसेना चीनी लैंडिग प्लेटफार्म डॉक जियान-32 की क्षमताओं निगरानी विशेष तस्वीर के साथ कर रहा है.

पी-8आई एंटी सबमरीन और लंबी दूरी तक निगरानी करने वाले विमान ने इन तस्वीरों को क्लिक किया था और यह संचालन करते समय चीनी जहाजों की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है.

गौरतलब है कि चीनी नौसेना अक्सर एंट-पायरेसी गश्त के लिए भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती रहती है, लेकिन भारतीय नौसेना इसे पूरा नहीं खरीदता, क्योंकि चीनी युद्धपोत, परमाणु और सबमरीन से लैस होते हैं. इसका एंटी पायरेसी अभियान में कोई मतलब नहीं होता है.

Last Updated : Dec 3, 2019, 2:22 PM IST

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