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चीन और पाकिस्तान से एक साथ लड़ने में सक्षम होगी भारतीय सेना

भारतीय सेना नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य संरचनाओं को बदलने पर विचार कर रही है. इससे सेना को चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चों पर युद्ध करने में मदद मिलेगी. सूत्रों ने बताया कि सेना नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात स्ट्राइक कॉर्प्स को दो मोर्चों पर लड़ने में सक्षम बनाएगी.

indian army dual task fighting
प्रतीकात्मक फोटो

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Published : Dec 10, 2020, 9:55 PM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय सेना युद्ध लड़ने के लिए संरचना में बदलाव करने पर विचार कर रही है जो उसे चीन और पाकिस्तान के साथ एक साथ लड़ने में मदद करेगी.

पूर्वी लद्दाख में विवाद शुरू होने से पहले सैन्य संरचना को नियंत्रण रेखा को ध्यान में रखकर बनाया गया था. पाकिस्तान के साथ लगने वाली पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना ने तीन स्ट्राइक कॉर्प्स तैनात किए हैं और पूर्वी सीमा पर सिर्फ एक स्ट्राइक कॉर्प्स की तैनाती की गई है.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि तत्कालीन विवाद को देखते हुए नए स्ट्राइक कॉर्प्स को बनाने की जरूरत नहीं है. मौजूदा कॉर्प्स को ही दोनों मोर्चों पर लड़ने के लिए तैयार किया जा सकता है.

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैयारी को और मजबूत करने की जरूरत महसूस की गई है. सेना मुख्यालय में इससे जुड़े प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है. इसके अलावा सेना के कमांडरों से भी इस संबंध में सुझाव मांगे गए हैं.

पूर्वी लद्दाख में चल रहे तनाव के चलते सेना ने देश के अन्य हिस्सों से बख्तरबंद सैन्य उपकरणों को चीन के साथ लगने वाली सीमा के पास तैनात किया है. इनमें बीएपी, टी-90 और टी-72 टैंक शामिल हैं.

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इसके अलावा भारतीय सेना की तीन पर्वतीय डिवीजनों को अतिरिक्त रूप से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में तैनात किया गया है. दोनों देशों के बीच अप्रैल-मई से गतिरोध चल रहा है, जिसके चलते बड़ी संख्या में दोनों तरफ सैनिकों की तैनाती की गई है.

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