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अरुणाचल के सांसद ने चीनी घुसपैठ का आरोप लगाया, भारतीय सेना ने खंडन किया

अरुणाचल सांसद तापिर गाओ ने दावा किया है कि चीनी सेना ने घुसपैठ किया है. भारतीय सेना ने कहा कि देश में घुसपैठ जैसी कोई भी घटना नहीं हुई है.पढ़ें पूरी खबर...

अरुणाचल सांसद तापिर गाओ

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Published : Sep 4, 2019, 11:59 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 12:03 PM IST

ईटानगरः अरुणाचल प्रदेश के एक सांसद ने बुधवार को दावा किया कि चीनी सेना ने भारत में घुसपैठ कर अरुणाचल प्रदेश में एक पुल बनाया है. हालांकि भारतीय सेना इस दावे का खंडन करती हुई दिखी.

अरुणाचल (पूर्व) लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद तापिर गाओ ने दावा किया कि चीनी सैनिकों ने पिछले महीने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी और चगलागम क्षेत्र में कियोमरु नाले पर पुल बनाया था.

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि कुछ स्थानीय युवकों ने 3 सितम्बर को पुल देखा था.

भारतीय सेना ने एक विज्ञप्ति में कहा कि जिस इलाके की बात हो रही है, उसे 'फिश टेल' कहा जाता है और दोनों पक्षों की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं.

इसमें कहा गया कि यह घना निर्जन इलाका है और यहां नालों तथा जलधाराओं के पास सारी आवाजाही पैदल ही संभव है. मॉनसून के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के गश्तीदल ने आवाजाही के लिए अस्थाई पुलों का निर्माण किया था.

चीनी सेना द्वारा निर्मित पुल

सेना ने यह बात दोहराई कि क्षेत्र में चीनी जवानों या नागरिकों की कोई स्थाई मौजूदगी नहीं है और हमारे जवान निगरानी रखते हैं.

गाओ ने आरोप लगाया था कि घुसपैठ चगलागम से करीब 25 किलोमीटर दूर उत्तर पूर्व में हुई जो काफी भारतीय क्षेत्र में ही आता है.

गाओ ने दावा किया कि भारतीय सेना के एक गश्ती दल ने पिछले साल अक्टूबर में इलाके में चीनी सैनिकों को देखा था.

उन्होंने पत्रकारों से कहा, राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर मैंने केंद्र सरकार से अरुणाचल प्रदेश में चीन-भारत सीमा पर उसी तरह बुनियादी संरचना के निर्माण के लिए अनुरोध किया है. जिस तरह अन्जॉ के जिला मुख्यालय हायुलियांग से चगलागम तक और उससे आगे सड़क बनाई गयी है.

सांसद तापिर गाओ चीनी सेना के घुसपैठ को लेकर बयान

गाओ ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हायुलियांग और चगलागम के बीच सड़क की हालत बहुत खराब है और इससे आगे एक तरह से कोई सड़क नहीं है.

इस बीच भारतीय सेना की विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत और चीन के पास सीमावर्ती क्षेत्रों में सभी मुद्दों पर ध्यान देने के लिए भलीभांति स्थापित कूटनीतिक और सैन्य प्रणालियां हैं.

इसमें कहा गया कि दोनों पक्ष इस बात को मानते हैं कि संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के सुगम विकास के लिए भारत-चीन सीमा के सभी क्षेत्रों में अमन चैन बनाये रखना जरूरी है.

पढ़ेंःभारतीय क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ, भारतीय सेना ने वापस खदेड़ा

विज्ञप्ति के अनुसार दोनों देशों ने राजनीतिक मानकों तथा दिशानिर्देशक सिद्धांतों पर 2005 के समझौते के आधार पर सीमा के सवाल पर निष्पक्ष, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य समाधान की दिशा में काम करने पर भी सहमति जताई है.

बता दें कि भारत और चीन करीब 4000 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. इसका स्पष्ट निर्धारण नहीं है. इस वजह से क्षेत्र में घुसपैठ के मामले सामने आते रहते हैं.

Last Updated : Sep 29, 2019, 12:03 PM IST

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