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मदरसों की जगह जरूरतमंदों तक पहुंचाएं जकात : आईएमपीएआर

कोरोना खतरे के मद्देनजर इंडियन मुस्लिम्स फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स' (आईएमपीएआर) ने ईद को लेकर दिशा निर्देशों का एक सेट जारी किया है. आईएमपीएआर ने लोगों से घर पर ईद की नमाज अदा करने और जरूरतमंद और फंसे हुए लोगों की मदद करने को कहा है.

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Published : May 16, 2020, 11:27 PM IST

Updated : May 17, 2020, 12:52 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना खतरे के मद्देनजर इंडियन मुस्लिम्स फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स' (आईएमपीएआर) ने ईद को लेकर दिशा निर्देशों का एक सेट जारी किया है. आईएमपीएआर ने लोगों से घर पर ईद की नमाज अदा करने और जरूरतमंद और फंसे हुए लोगों की मदद करने को कहा है.

इस समिति के संयोजक और सदस्य डॉ एमजे खान ने कहा कि जकात की प्राथमिकता जरूरतमंद लोगों को दें, न कि मदरसा या अन्य ऐसी जगहों को.

बता दें, जकात रमजान के पवित्र महीने के दौरान अदा की जाती है. जकात संपत्ति का 2.5% होना चाहिए. ये सभी मुसलमानों के लिए अनिवार्य है.

ईद में दस दिन बचे हैं. आईएमपीएआर ने इसे लेकर 11 सूत्रीय दिशानिर्देश जारी किए हैं. लोगों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वह सामाजिक दूरी का पालन करें.

इसके अलावा जरूरतमंद बच्चों की फीस, घर का किराया, गरीबों को भोजन और किसी के व्यवसाय को फिर से शुरू करने में मदद करें.

दिशानिर्देशों पर बात करते हुए आईएमपीएआर के केंद्रीय समिति के सदस्य और प्रसिद्ध उद्योगपति सईद शेरवानी ने कहा कि हमें इस ईद पर सभी फालतू खर्चों से बचना चाहिए. इन पैसों का उपयोग संकट की इस स्थिति में जरूरतमंदों की मदद करने में करें.

Last Updated : May 17, 2020, 12:52 PM IST

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