नई दिल्ली: ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने दावा किया कि डेक्सामेथासोन कोविड-19 के इलाज में मदद कर सकती है. इस दावे के एक दिन बाद भारत ने इसका स्वागत किया है.
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने कहा कि यह एक अच्छी खबर है. डेक्सामेथासोन एक सामान्य स्टेरॉयड है जो सूजन को कम करने के लिए व्यापक रूप से अन्य बीमारी के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है.
उन्होंने कहा कि भारत ने इससे पहले फेफड़ों के संक्रमण से संबंधित रोगों में डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल किया है. डेक्सामेथासोन बहुत सस्ती है और बाजार में आसानी से उपलब्ध है.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद कोविड-19 के इलाज के में डेक्सामेथासोन के इस्तेमाल को लेकर दिशानिर्देश जारी करेगा. पिछले सप्ताह जारी किए गए क्लीनिकल प्रोटोकॉल में आईसीएमआर ने कोविड-19 रोगियों के लिए उपचार में रेमडेसिविर, कॉन्वेलसेंट प्लाज्मा, टोसिलिजुमैब और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग का सुझाव दिया था.
डॉ ज्ञानी ने कहा कि डेक्सामेथासोन अच्छी तरह से काम करती है और यह संक्रमण के कारण मृत्यु दर को कम कर सकती है.
परीक्षण के दौरान ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 2104 मरीजों को डेक्सामेथासोन दवा दी, जबकि 4312 मरीजों को बिना स्टेरॉयड के रखा गया.
परीक्षण में पाया गया कि डेक्सामेथासोन गंभीर रूप बीमार मरीजों की मौत की दर को एक तिहाई तक कम करता है. डॉ ज्ञानी ने बताया कि भारत में कुछ मरीजों का उपचार इस दवा से किया गया था और उसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले थे.
फेविपिराविर, इटोलिज़ुमाब, माइक्रोबैक्टोरियम डब्ल्यू, कॉन्वेलसेंट प्लाज्मा, आर्बिडोल, एसीक्यूएच, एचसीक्यू, रेमडेसिविर और बीसीजी वैक्सीन जैसी दवाएं वर्तमान में भारत में परीक्षण के विभिन्न चरणों में है.
देशभर के चिकित्सकों और शोधकर्ताओं ने अपना ध्यान मौजूदा दवाओं की खोज में लगा दिया है. आईसीएमआर के सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 के लिए एंटी-कैंसर ड्रग्स इमैटिनिब का भी अध्ययन किया जा रहा है. भारत में 30 अलग-अलग दल कोविड-19 के लिए एक टीका विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच, बुधवार को भारत की कोविड-19 रिकवरी दर 52.8 प्रतिशत हो गई है.
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