नई दिल्ली : पूरा विश्व आज कोरोना की कहर से जूझ रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस वायरस से बचने के लिए नियमित रूप से और अच्छी तरह से हाथ धोना प्रभावकारी बताया है.
कोरोना महामारी से बचना है तो हाथ को समय-समय पर साबुन या अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से धोते रहना आवश्यक है. इससे हम खुद को तो सुरक्षित रखते ही हैं साथ-साथ दूसरों को भी इस महामारी से बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
घातक कोरोना वायरस एक संक्रामक रोग है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) और स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए नियमित रूप से हाथ धोने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
सीडीसी ने कहा है कि, लोगों को अपने हाथों से कीटाणुओं और गंदगी को प्रभावी ढंग से हटाने के लिए कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथ धोने की सलाह दी जाती है. यह बीमारी को दूर करने का एक विश्वसनीय तरीका है.
लोग बीमारी से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार धो रहे हैं, जो कि एक अच्छी आदत है. लेकिन, बहुत अधिक हाथ धोने से आपकी त्वचा में मौजूद प्राकृतिक तेल दूर हो सकते हैं और आपका हाथ रूख हो सकता है. अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र का अत्यधिक उपयोग या सोप के पानी से अपने हाथों को साफ करना आपके हाथों को रूखा बना सकता है.
अत्यधिक हाथ धोने से सूखापन क्यों होता है? यह एक बड़ा सवाल है. साबुन और पानी त्वचा से कीटाणुओं और गंदगी को हटाते हैं, लेकिन यह त्वचा से प्राकृतिक तेल को हटाकर उसे शुष्क भी बना देता है. जिससे त्वचा में खुजली, त्वचा में जलन, त्वचा का रंग लाल हो जाना और दरारें भी आ सकती हैं.
सीडीसी का कहना है कि अगर पानी और साबुन एक समय पर उपलब्ध ना हो तो आप अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर का उपयोग कर सकते हैं.
सीडीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार, सैनिटाइज़र कई स्थितियों में हाथों पर कीटाणुओं की संख्या को जल्दी से कम करने में कारगर साबित होते हैं.