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मध्यप्रदेश के मंदसौर और नीमच जिले में भारी बारिश, बाढ़ जैसे हालात

मंदसौर और नीमच जिले में भारी बारिश से दोनों ही जिले में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया जा रहा है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान बाढ़ के हालातों का जायजा लेने आज मंदसौर और नीमच जाएंगे.

मध्यप्रदेश में भारी बारिश

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Published : Sep 16, 2019, 7:29 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 8:56 PM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है. प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश और नदियों-बांध का पानी बस्तियों, घरों तक पहुंच गया है. मंदसौर, नीमच ,अलीराजपुर,आगर, मालवा में भारी बारिश को लेकर अलर्ट किया गया है. उज्जैन, रतलाम सहित 10 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है. बारिश को लेकर अलर्ट किए गए जिलों में कलेक्टर को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं.

सीएम कमलनाथ के निर्देश पर मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा आज मंदसौर और नीमच जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों में दौरा करेंगे. मंत्री कराड़ा बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेकर सीएम को रिपोर्ट सौपेंगे. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी आज मंदसौर और नीमच जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे.

ईटीवी बारत की रिपोर्ट
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर मंदसौर जिले में है. यहां गांधी सागर बांध और चंबल नदी का पानी घुस रहा है. बाढ़ से 12 हजार 800 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 10 हजार लोगों को राहत कैम्प में ठहराया गया है. पूरे जिले में 53 राहत कैम्प स्थापित किए गए हैं. आवागमन ठप्प हो जाने से मार्ग में फंसे 470 लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है, जहां उन्हें सोने और भोजन सुविधा उपलब्ध करवाई गई.

नीमच जिले के रामपुरा में चंबल नदी में आई बाढ़ से 200 से ज्यादा घर और दुकानें जलमग्न हो गईं. देर रात रेस्क्यू कर 150 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. बताया जा रहा है कि पानी में पुराना बस स्टैंड और नया बस स्टैंड, इब्राहिमपुरा, लालबाग व अन्य क्षेत्रों में एक मंजिल बराबर पानी भर गया है. यहां सभी इलाकों में 10 से 12 फीट पानी भरा हुआ है.

राहत और बचाव दलों ने रतलाम में 250, आगर मालवा में 750 को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। श्योपुर जिले के 12 गांवों में फंसे लोगों को शिविरों में भेजा गया है. दमोह और रायसेन में भी राहत और बचाव कार्य जारी है.

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बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 255 जिला आपदा रिस्पांस सेंटर और 51 आपात ऑपरेशन सेंटर खोले गए, जो 24 घंटे काम कर रहे हैं. एसडीआरएफ के 100 और 600 प्रशिक्षित होमगार्ड के जवान बचाव कार्य में लगाए गए हैं. एनडीआरएफ के 210 तथा 1500 हजार होमगार्ड और पुलिस के जवान राहत और बचाव कार्यो में लगे हैं.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राहत और बचाव कार्य में लगे दलों के अलावा प्रशासनिक अमले से प्रभावितों की हर संभव मदद के निर्देश दिए हैं. साथ ही नुकसान का आकलन किए जाने के लिए केंद्र सरकार से दल भेजने का आग्रह किया. साथ ही बाढ़ प्रभावित जिलों को 100 करोड़ रुपये की सहायता स्वीकृत की है, ताकि प्रभावितों के रहने, खाने तथा अन्य नुकसान की भरपाई की जा सके. आपदा और बचाव कार्य पर 325 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

राज्यस्तर पर स्थापित आपदा नियंत्रण कक्ष 24 घंटे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निगरानी कर रहा है और उन्हें आवश्यक मदद उपलब्ध करा रहा है. सेना को भी सतर्क किया गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के 150 शिविरों में 45 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्र से इंटर मिनिस्ट्रियल सेंटर टीम शीघ्र आने का आश्वासन मिला है.

Last Updated : Sep 30, 2019, 8:56 PM IST

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