कैथल :देश में एक तरफ किसान तीनों कृषि कानूनों को विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि इन कृषि कानूनों के जरिए निजी सेक्टर्स का दखल खेती-बाड़ी में बढ़ जाएगा. निजी सेक्टर्स किसानों का शोषण करने लगेंगे, लेकिन हरियाणा के बासमती धान 1121 की पैदावार करने वाले किसान निजी एजेंसियों की खरीद से खुश हैं. वो रोजाना बढ़ रहे बासमती के 1121 और पूसा किस्म के धान के दामों से गदगद हैं.
रोजाना 100-200 रुपये बढ़ रहा है भाव
बता दें कि मंडियों में हो रही धान की आवक के बाद धान के दाम रोजाना 100 से 200 रुपये तक बढ़ रहे हैं. पूसा बासमती के भाव 4700 रुपये प्रति क्विंटल और बासमती 1121 के भाव 3150 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं. किसानों का कहना है कि धान के सीजन में शुरुआत में तो रेट काफी कम थे. जो 1700 रुपये प्रति क्विंटल तक खरीदी जा रही थी, लेकिन अब रेट बढ़ने से किसानों को काफी फायदा हो रहा है.
3150 रुपये पहुंचा बासमती 1121 का दाम
पिछले सप्ताह 1121 के भाव 2700 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल थे, लेकिन अब बासमती 1121 के दाम 3150 तक पहुंच गए हैं. पूसा बासमती के भाव 4700 रुपये प्रति किवंल्ट तक पहुंचे है. किसानों का कहना है कि अच्छा भाव मिलने से किसानों का खर्च भी पूरा होगा और थोड़ा मुनाफा भी होगा. यह धान प्राइवेट एजेंसी की तरफ से खरीदी जा रही है.
'नए कानूनों से आपत्ति नहीं, बस थोड़ा सुधार चाहिए'
वहीं जब किसानों से 3 नए कानून के बारे में बात की गई कि 3 नए कानूनों में भी यही लिखा गया है कि किसान की फसल को प्राइवेट एजेंसी प्राइवेट कंपनियां खरीदेंगे और बासमती धान को भी प्राइवेट कंपनी खरीद रही है. अच्छे रेट में खरीद रही है. तो इस पर किसानों ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि हमारा धान को प्राइवेट एजेंसी खरीदे. जिससे हमें अच्छा रेट मिल सके, लेकिन हम इसमें थोड़ा सुधार यह चाहते हैं कि जो हमारी फसल बेची जाती है. वो कमीशन एजेंट की तरफ से बेची जाए, क्योंकि कमीशन एजेंट हमारा विश्वास पात्र है और उससे हम दिन रात किसी भी समय पैसे ले लेते हैं तो हमें किसी भी चीज की कोई समस्या नहीं होती. बाकी हम तीन कृषि कानून का समर्थन करते हैं.