अमरावती / विजयवाड़ा : केंद्र सरकार द्वार बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों के बीच असमंजस औऱ असंतोष की स्थिति देखी गई. इस पर आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्ष बिना वजह और राजनीतिक लाभ उठाने की नीयत से इन कानूनों का विरोध कर रहा है. सीतारमण ने कहा ति इन कानूनों से आने वाले समय में देशभर के किसानों को फायदा मिलेगा.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों को लेकर किसानों के बीच जागरुकता फलाने के लिए केंद्रीय मंत्री दौरे कर रहे हैं. इसी कड़ी में वित्त मंत्री सीतारमण बुधवार को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा पहुंची और किसानों से भेंट की. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए 'लॉकडाउन' के बाद देश की अर्थव्यवस्था में पुनरूद्धार साफ दिख रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि जो संकेत हैं, वे काफी सकारात्मक हैं. उन्होंने कहा, 'अर्थव्यवस्था से जुड़े जो भी संकेत हैं, उसमें सुधार दिख रहा है...और यह पुनरूद्धार को बताता है.'
कृषि कानूनों पर सीतारमण ने कहा कि कुछ राज्यों में इसको लेकर हो रहा विरोध प्रदर्शन पूरी तरह से राजनीतिक है. उन्होंने कहा, 'वे केवल राजनीतिक मकसद से कानूनों का विरोध कर रहे हैं. वे यह भूल गये कि 2019 के चुनावी घोषणापत्र में उन्होंने यही वादा किया था.' उनका इशारा कांग्रेस की घोषणापत्र की तरफ था.
वित्त मंत्री सीतारमण ने गनावरम हवाईअड्डे के पास जकुला नेक्कलम गांव के किसानों से बातचीत की और कृषि संबंधी मुद्दों पर उनकी राय भी ली.
विजयवाड़ा में सीतारमण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मेरी उद्योग प्रमुखों से बातचीत होती रहती है. उनका कहना है कि हम कोविड के पूर्व स्तर पर पहुंच गये हैं-अत: पुनरूद्धार साफ दिख रहा है.'
जीएसटी क्षतिपूर्ति के मामले में वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद की फिर 12 अक्टूबर को बैठक होगी. 'हमने सभी राज्यों के साथ पिछली बैठक में सात घंटे तक चर्चा की. हम फिर 12 अक्टूबर को बैठक कर रहे हैं. उसमें हम क्षतिपूर्ति से जुड़े मामले पर निर्णय करेंगे.'
दिलचस्प है कि जीएसटी संग्रह में कमी की भरपाई केंद्र एवं कुछ राज्यों के बीच विवाद का विषय बना हुआ है. मुख्य रूप से गैर-भाजपा शासित राज्य चाहते हैं कि जीएसटी क्षतिपूर्ति केंद्र स्वयं कर्ज लेकर करे जबकि सरकार राज्यों को बाजार से या फिर रिजर्व बैंक से कर्ज लेने का विकल्प दे रही है.