बीजेपी प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया है.
73वां दिन : लुधियाना के चक्काजाम में नजर आया 'भिंडरावाले' का झंडा
22:52 February 06
नई दिल्ली: बीजेपी प्रवक्ता ने दिया बयान
22:24 February 06
नई दिल्ली/गाजियाबाद: राकेश टिकैत बोले- जहां कल मिट्टी गिरी, आज वहां पुलिस तैनात
नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलित हैं. यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर शनिवार को 73वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी रहा. किसानों का कहना है कि जब तक बिल वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं. आंदोलन को धार देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार देशव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया था. हालांकि दिल्ली के अलावा यूपी और उत्तराखंड को इससे बाहर रखा गया था. शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जहां कल मिट्टी गिरी, आज वहां पुलिस तैनात है. हमारे खेत में अब जवान आ गया है, हमारे खेत की सुरक्षा यही जवान करेगा. उन्होंने यह बात तब कही जब गाजीपुर बॉर्डर के फुटपाथ पर डालने के लिए लाई मिट्टी पर जवान खड़े रहे. यह मिट्टी फूलों के पौधे लगाने के लिए लाई गई थी.
राकेश टिकैत ने बयान जारी किया
गाजीपुर बार्डर से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार देर रात एक बयान जारी कर कहा था कि कुछ असामाजिक तत्व चक्का जाम की आड़ में हिंसा फैलाने की फिराक में थे, उनके ब्लू प्रिंट की जानकारी मिलने के बाद आंदोलन को हिंसक होने से बचाने के लिए यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम स्थगित कर दिया. दिल्ली को पहले ही इससे बाहर रखा गया था.
दिल्ली NCR में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
किसानों की ओर से चक्का जाम की कॉल वापस लिए जाने के बाद भी शनिवार को पूरे दिल्ली एनसीआर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही. गाजीपुर बार्डर पर भी सुरक्षा बल अन्य दिनों के मुकाबले मुस्तैद नजर आए. इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा कि आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है. अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा. राकेश टिकैत ने बड़े ही सकारात्मक अंदाज में कहा है कि वे प्रधानमंत्री के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं और पीएम से वह नंबर भी मांग रहे हैं, जिस पर कॉल करने की बात प्रधानमंत्री ने कही थी. बता दें कि प्रधानमंत्री ने किसानों के मुद्दे पर कहा था कि सरकार वार्ता करने के लिए किसानों से बस एक फोन कॉल की दूरी पर है.
कांटों के बदले फूल लगाने की मुहिम
शुक्रवार शाम को बैरिकेडिंग के पास किसानों की ओर से कांटों के बदले फूल लगाने की मुहिम जहां शुरू की गई थी, सुरक्षा बलों ने उस जगह पर डाली गई मिट्टी तक भी किसानों को नहीं जाने दिया. हालांकि किसानों की ओर से इस बात का प्रतिरोध नहीं किया गया. किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि यूपी गेट पर फुटपाथ के बाहर कच्ची जगह पर डालने के लिए शुक्रवार को मिट्टी लाई गई थी. मिट्टी शनिवार को फुटपाथ पर डाली जानी थी, लेकिन सुरक्षा बल दिन भर उसी मिट्टी पर खड़े रहे. कोई टकराव की स्थिति न बने इसलिए किसानों ने फुटपाथ के बाहर ऊबड़-खाबड़ पड़ी जगह को ठीक करके वहीं फूलों और पाम के पौधे लगा दिए.
एक पॉजीटिव मैसेज देना चाहते
किसान इस जगह को साफ सुथरा बनाने में लगे हैं. इसके साथ ही पुलिस की ओर से लगाए गए कांटों के जबाब में फूल लगाकर एक पॉजीटिव मैसेज देना चाहते हैं. राकेश टिकैत ने पुलिसवालों से मुलाकात करने के बाद कहा कि "जहां कल मिट्टी गिरी, आज वहां पुलिस तैनात है. हमारे खेत में अब जवान आ गया है, हमारे खेत की सुरक्षा यही जवान करेगा."
22:10 February 06
नई दिल्ली: किसान आंदोलन को मिला बुद्धिजीवी वर्ग का समर्थन
सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन को देश के बुद्धिजीवी वर्ग का भी समर्थन मिला. पंजाब के मलेर कोर्ट से वकीलों का एक दल सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन का समर्थन करने के लिए पहुंचा. वकीलों ने किसानों के केस भी फ्री में लड़ने की बात कही और आश्वासन दिया कि जिन किसानों के परिवार के लोग दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं उनके लिए भी फ्री में कानूनी कार्रवाई में भाग लेंगे.
पंजाब के वकीलों का भी किसान आंदोलन को मिला समर्थन
ईटीवी भारत से बात करते हुए पंजाब के मलेर कोर्ट से आए वकीलों की बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी ने बताया कि किसान हमारे भाई हैं और हम किसान आंदोलन में समर्थन देने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं. सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है और किसानों को बिना वजह परेशान किया जा रहा है. दिल्ली पुलिस द्वारा पंजाब से आए किसानों को उपद्रव के मामले में बेवजह गिरफ्तार किया गया है. वकील एसोसिएशन देश में कहीं भी किसानों के लिए फ्री में कानूनी कार्रवाई करेगी और उनके लिए मुकदमा भी लड़ेगी.
किसानों के केस फ्री में लड़ेंगे वकील
पंजाब से ही नहीं देश के अन्य हिस्सों से भी लगातार बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों का किसान आंदोलन को समर्थन मिल रहा है. जिससे किसानों के हौसले और भी बुलंद हो रहे हैं और साथ ही सरकार से कृषि कानून को रद्द होने की बात पर अड़े हैं. इसमें पंजाब के मलेर कोर्ट से आए वकीलों ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को कृषि कानून को रद्द करना चाहिए और जो किसान दिल्ली में अपने हक की लड़ाई के लिए 2 महीने से ज्यादा समय से सड़कों पर बैठे हुए हैं. अब सरकार को इनकी ओर ध्यान देना चाहिए, साथ ही सरकार और दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों पर ज्यादती की जा रही है. इस ज्यादती का जवाब भी किसान और वकील सरकार को देने के लिए तैयार हैं. किसानों के समर्थन में केवल वकील ही नहीं देश के अन्य बुद्धिजीवी वर्ग का भी समर्थन मिल रहा है.
दिल्ली आकर भी करेंगे कानूनी कार्रवाई
आंदोलन कर रहे किसानों को वकीलों ने आश्वासन दिया कि वह कानूनी प्रक्रिया में भी अपने किसान भाइयों के साथ रहेंगे और सरकार के खिलाफ जरूरत पड़ने पर किसानों के लिए हर कानूनी लड़ाई में भाग लेंगे उसके लिए चाहे उन्हें दिल्ली ही आकर कानूनी कार्यवाही क्यों ना करना पड़े.
21:11 February 06
उत्तराखंड और यूपी में चक्का जाम न करने पर बोले किसान नेता दर्शन पाल: टिकैत को लगा कि हो सकता है दंगा
टिकैत जी को लगा कि उत्तराखंड और यूपी में दंगे हो सकते हैं, इसके बाद तुरंत उन्होंने प्रेस में बयान दिया. अगर और लोगों से बात करके कोई बयान देते तो अच्छा होता. उन्होंने बाद में हमसे बात की, मैं मानता हूं कि जल्दबाजी में ऐसा नहीं करना चाहिए था.
21:08 February 06
लुधियाना में 'भिंडरावाले' के झंडे पर बोले टिकैत- ऐसा हुआ है तो गलत हुआ
चक्का जाम के दौरान लुधियाना में 'भिंडरावाले' के झंडे पर राकेश टिकैत ने कहा कि हम बात करेंगे. अगर ऐसा हुआ है तो गलत हुआ. जो चीज प्रतिबंधित है वो नहीं लगानी चाहिए:
21:07 February 06
रांची: कार्यकर्ताओं ने डेढ़ घंटे तक किया चक्का जाम
नए कृषि कानून को लेकर पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी शनिवार को चक्का जाम किया गया. झामुमो, राजद और वाम दलों के कार्यकर्ता दोपहर 12 बजे सड़क पर उतर आए और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, कार्यकर्ताओं ने डेढ़ घंटे तक चक्काजाम किया.
कोरोना संकट के बीच कृषि कानून लाने की क्या जरूरत थी ?
किसानों के आह्वान पर चक्का जाम को सफल बनाने के लिए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी सड़क पर उतरे. कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर नेशनल हाइवे को जाम कर दिया. बादल पत्रलेख ने कहा कि पूरे देश का किसान आज शांतिपूर्ण तरीके से सड़क पर है. उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा था तो ऐसे में मोदी सरकार को इस तरह का कानून लाने की क्या जरुरत पड़ गई. सरकार को किसानों की मांग के आगे झुकना ही पड़ेगा और कृषि कानून वापस लेना होगा. किसानों की मांग पूरी करने के लिए सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे.
कृषि मंत्री ने कहा कि खेती राज्य का भी मुद्दा है. इसके बावजूद हमसे कोई चर्चा तक नहीं की गई. आखिर बिना किसी से चर्चा के बगैर केंद्र सरकार ने ऐसा कानून क्यों बना दिया? झामुमो नेता महुआ माजी ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानून को वापस नहीं लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
राजद और वामदलों का भी समर्थन
चक्काजाम में शामिल भाकपा माले के नेता शुभेंदु कुमार ने कहा कि जाम से लोगों को हल्की परेशानी हो रही है. लेकिन भविष्य में लोगों को परेशानियां नहीं हो इसके लिए आज छोटी परेशानियां का सामना करना पड़ेगा. जिस तरह यह आंदोलन उग्र रूप ले रहा है केंद्र सरकार को कानून वापस लेने पर बाध्य होना होगा. राजद नेता मोहम्मद जफर आलम ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून किसानों के लिए खतरनाक है. केंद्र सरकार किसानों के पेट पर लात मार रही है. कानून वापस लेने तक विरोध जारी रहेगा.
राजधानी रांची के अलावा जमशेदपुर, रामगढ़, खूंटी, पाकुड़, पलामू और हजारीबाग समेत सभी जिलों में कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. झामुमो नेताओं का कहना है कि झारखंड के लोग किसानों के साथ हैं. जब तक केंद्र सरकार किसानों की मांग नहीं पूरी करेगी तब तक आंदोलन करेंगे. मोदी सरकार को तीनों कृषि कानून को रद्द करना पड़ेगा.
19:13 February 06
लुधियाना के चक्काजाम में 'भिंडरावाले' का झंडा
73 दिनों से जारी किसान आंदोलन में आज एक नई तस्वीर से सवाल उठ गया है कि क्या शनिवार को बुलाए गए चक्का जाम में भी खालिस्तानी तत्व घुसपैठ करने में कामयाब हो गए? न्यूज एजेंसी एएनआई ने लुधियाना की एक तस्वीर जारी की है जिसमें एक ट्रैक्टर पर लगे झंडे में जरनैल सिंह भिंडरावाले जैसी छवि दिख रही है.
19:05 February 06
जयपुर: किसानों के समर्थन में चक्का जाम करते नजर आए कांग्रेसी
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी किसानों के समर्थन में किए जा रहे कार्यक्रमों में तेजी लाने जा रही है. शनिवार को पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की ओर से स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे पर चक्का जाम किया. राजधानी जयपुर में चाहे दौलतपुरा टोल हो, चौमू का टाटिया वास टोल हो या फिर जयपुर का भागरोटा, हर जगह कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में चक्का जाम करते हुए नजर आए.
हालांकि, यह चक्का जाम पूरी तरीके से अहिंसात्मक रहा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 12 से 3 बजे तक चक्का जाम करने की जगह कुछ देर के लिए ही सांकेतिक चक्काजाम किया, ताकि आमजन को ज्यादा परेशानी का सामना ना करना पड़े. इस दौरान जयपुर के भांकरोटा में हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने भाग तो लिया, लेकिन जब एक एंबुलेंस यहां से निकली तो उसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तुरंत निकलने के लिए जगह बनाई.
इसके साथ ही चौमूं में किसान बड़ी संख्या में तिरंगा झंडा लेकर चक्का जाम करते दिखे. वहीं दौलतपुरा टोल नाके पर कांग्रेसियों ने पहले सभा की और फिर कुछ देर के लिए चक्का जाम किया. आज के चक्का जाम के बाद अब कांग्रेस पार्टी किसानों के समर्थन में आंदोलन को तेज करने जा रही है और इसके लिए पूरी फरवरी राजस्थान में किसानों के समर्थन में कार्यक्रम किए जाएंगे.
पढ़ें-जेल से अस्पताल आए बंदी के साथी ने पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च झोंकी
प्रदेश अध्यक्ष सिंह डोटासरा ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके तहत प्रदेश के सभी ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को 10 फरवरी तक किसानों को समर्थन देते हुए जन सम्मेलन आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. इन सम्मेलनों में ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां खेत मजदूरों को सम्मानित करेंगी और उन किसानों को श्रद्धांजलि देगी, जिन्होंने किसानों के आंदोलन के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए.
इसी तरीके से 20 फरवरी तक जिला स्तर पर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता पद यात्रा निकालते दिखाई देंगे. इसमें देश की सुरक्षा के उल्लंघन की संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग को लेकर 20 फरवरी को या उससे पहले हर जिले में भारी जनसमूह की प्रतिभागिता के साथ 10 से 20 किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकाली जाएगी. वहीं कांग्रेस पार्टी ने फरवरी 28 फरवरी तक राज्य स्तर के जन सम्मेलन आयोजित करने के निर्देश भी दिए हैं. इन सम्मेलनों में प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ता नेता सभी निर्वाचित सदस्य सहित सांसद विधायक कांग्रेस प्रतिनिधि पार्टी पदाधिकारी शामिल होंगे.
प्रदेश में चक्काजाम की यह रही स्थिति
- प्रदेश के लगभग सभी जिलों में चक्का जाम के दौरान लगी वाहनों की कतार ने आमजन को काफी परेशान किया. हालांकि, इमरजेंसी सर्विस को इस जाम के दौरान छूट दी गई थी. लेकिन, अन्य सभी वाहनों को करीब चार से पांच घंटे तक परेशानी उठानी पड़ी है. आगरा रोड, दिल्ली रोड, अजमेर रोड, टोंक रोड, बीकानेर रोड समेत विभिन्न हाईवे पर जाम के दौरान वाहनों की लंबी कतार देखने को मिली.
- जयपुर शहर में अजमेर और टोंक बाईपास पर किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया. लेकिन, कुछ देर बाद ही अधिकतर कार्यकर्ता धूप से परेशान होकर वापस लौट गए.
- किसान आंदोलन के कारण अलवर के शाहजहांपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन लगातार जारी है. इसके आसपास के क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर किसानों ने महापंचायत करते हुए अपना विरोध जताया. अलवर जिले में अलवर-भरतपुर, तिजारा, भिवाड़ी समेत कई मार्गों पर किसानों के चक्का जाम का असर देखने को मिला.
- अलवर और कोटा के कुछ स्थानों पर हाईवे शाम 4 बजे तक जाम रहे. जिससे आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा. अलवर जिले में कुछ स्थानों पर किसानों ने कंटीली झाड़ियां लगाकर हाईवे को जाम किया तो कहीं किसानों ने वाहनों को बीच में खड़ा कर दिया.
- शेखावटी क्षेत्र के झुंझुनू, सीकर, चूरू सभी स्थानों पर स्टेट से लेकर नेशनल हाईवे पर चक्का जाम का असर नजर आया. अलग-अलग अंदाज में लगाए गए जाम के जरिए किसानों ने तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया.
- धौलपुर जिले में भी एनएच 11 बी पर किसानों ने जाम लगाकर विरोध जताया. जाम के दौरान किसान का नेतृत्व बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा समेत अन्य नेताओं ने किया.
19:02 February 06
पंजाब और हरियाणा में किसानों ने की सड़कें जाम, केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
प्रदर्शनकारी किसानों ने शनिवार को तीन घंटे के 'चक्का जाम' आंदोलन के दौरान पंजाब और हरियाणा में किसानों ने सडक़ों के बीचों बीच अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियां खड़ी कर दीं और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कई स्थानों पर प्रदर्शन में महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या में भागीदारी रही. केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक राष्ट्रव्यापी 'चक्का जाम' करने का आह्वान किया था. प्रदर्शन स्थलों के आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाये जाने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित किये जाने और अन्य मुद्दों को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए तीन घंटे के चक्का जाम का एलान किया गया था. किसान नेताओं ने दावा किया कि तीन घंटे का उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा.
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी थी और यातायात का मार्ग बदलने के लिये सभी प्रबंध किये गये थे. उनके अनुसार पंजाब और हरियाणा में पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये थे. चंडीगढ़-जिराकपुर, अमृतसर-पठानकोट, तरन तारन-कपूरथला, फिरोजपुर-फजिल्का, मुक्तसर-कोटकपुरा, बठिंडा-चंडीगढ़, लुधियाना-जालंधर, पंचकूला-पिंजोर, पटियाला-कैथल, जींद-करनाल, करनाल-कैथल, अंबाला-चंडीगढ़, अंबाला-हिसार और मानसा-सिरसा समेत कई राजमार्गों को प्रदर्शनकारी किसानों ने जाम कर दिया.
अंबाला के निकट शंभू में तथा पंजाब एवं हरियाणा में कई टॉल प्लाजा पर किसानों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि एंबुलेंस और स्कूल बसों को इस दौरान छूट दी गयी थी. भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरिकलां ने कहा कि उनके संगठन ने पंजाब के संगरूर, बरनाला और बठिंडा समेत 15 जिलों के 33 स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध की. किसानों के हाथों में तख्तियां थीं, जिनपर ‘जय जवान, जय किसान’ और ‘किसान एकता जिंदाबाद’ के नारे लिखे थे। उन्होंने नये कृषि कानून वापस लेने की मांग नहीं मानने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारे भी लगाये.
18:18 February 06
गोहाना: बीजेपी के राज्यसभा सदस्य बोले-जल्द होगा आंदोलन का समाधान
कृषि आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता जल्दी समाधान की बात कर रहे हैं. गोहाना में पहुंचे हरियाणा बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा का मानना है कि जल्द ही कृषि आंदोलन का समाधान हो सकता है जिसमें 4 से 5 दिन लग सकते हैं
राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि हरियाणा का आदमी आंदोलन में तो जा सकता है और गुमराह हो सकता है, लेकिन गद्दार नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि मैं इतिहास का स्टूडेंट हूं, मुझे सारी बातों का पता हैं. उन्होने काह कि हरियाणा के किसानों को सच्चाई का पता चलेगा कि उनका यूज किया जा रहा था, तब उनको एहसास होगा. मेरा जहां तक मानना है कि 4 से 5 दिनों तक इस आंदोलन का समाधान हो सकता है.
ये पढ़ें-अंबाला: शम्भू बॉर्डर पर चक्का जाम खत्म, नेशनल हाईवे पर दौड़ने लगे वाहन
बता दें कि लगातार 12 बार किसानों की वार्ता कैंसिल हो चुकी है. राज्यसभा सांसद की बातों में कितना दम है यह तो आने वाले चार-पांच दिन के बाद ही पता चल पाएगा.
18:15 February 06
चंडीगढ़: हरियाणा और पंजाब में देखने को मिला चक्का जाम का व्यापक असर
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के 70 दिनों से ज्यादा का समय हो चुका है. अभी तक सरकार और किसान संगठनों के बीच सहमति नहीं बनी है. सरकार ने किसानों को कानूनों को डेढ़ साल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसान कानूनों को रद्द करवाने की मांग पर अड़े हैं. इसी बीच आंदोलन तेज होता जा रहा है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया था. चक्का जाम का व्यापक असर हरियाणा और पंजाब में देखने को मिला है. बात अगर हरियाणा की करें, तो लगभग हर जिले में किसानों ने नेशनल और स्टेट हाईवे को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक के लिए जाम किया. इस दौरान किसानों ने सिर्फ इमरजेंसी वाहनों को आने-जाने की अनुमति दी.
इन जिलों में दिखा चक्का जाम का व्यापक असर-
- अंबाला
6 फरवरी को नए कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने 3 घंटे के लिए देशव्यापी चक्का जाम किया. किसान संगठनों के इस ऐलान का असर हरियाणा के शम्भू बॉर्डर पर सबसे ज्यादा देखने को मिला. यहां हजारों की संख्या में किसान पहुंचे और नेशनल हाईवे को ब्लॉक किया.
- करनाल
किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा (राष्ट्रीय राजमार्ग-44) पर चक्का जाम किया. सयुक्त मोर्चे के आह्वान पर यहां हजारों की संख्या में किसान पहुंचे और नेशनल हाईवे को जाम किया. किसानों ने कहा कि उनका ये चक्का जाम शांतिपूर्वक रहा है और वो कानून को रद्द करवाकर ही घर वापस जाएंगे.
- पलवल
किसानों ने नेशनल हाईवे-19 पर अटोहां चौक के पास चक्का जाम कर दिया. नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाही बिल्कुल बंद कर दी गई. 3 घंटे तक रोड बिल्कुल सूने पड़े रहे. इसके बाद 3 बजे और किसानों का चक्का जाम समाप्त हुआ. चक्का जाम बिल्कुल शांतिप्रिय रहा.
- सोनीपत
सोनीपत में किसानों ने कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) एक्सप्रेसवे पर चक्का जाम कर दिया. इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. दूसरी तरफ चक्का जाम को देखते हुए सोनीपत पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड पर रही. सोनीपत में पैरामिलिट्री की 19 कंपनियों को तैनात किया गया.
गुरुग्राम में चक्का जाम से लोग हुए परेशान
किसानों के चक्का जाम का आंशिक असर साइबर सिटी के कुछ इलाकों में भी देखने को मिला. पालम विहार और नजफगढ़ जाने वाले रास्तों पर ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई. जिसके बाद गुरुग्राम पुलिस को मजबूरन रूट डायवर्जन करना पड़ा और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. जो लोग रोजाना 30 से मिनट में अपना सफर तय करते थे तो वहीं उनको तकरीबन 1 घंटे से भी ज्यादा का समय लगा.
किसानों ने एंबुलेंस को दिया रास्ता
पलवल में चक्का जाम के दौरान एक तस्वीर आई जिसने सभी का दिल जीत लिया. यहां किसानों ने जैसा कहा था ठीक वैसा ही किया. जैसे ही एंबुलेंस का सायरन सुनाई दिया, सभी किसान हाईवे से खड़े हो गए, ट्रैक्टरों का हटाया और तुरंत एंबुलेंस के लिए रास्ता बनाया. किसानों ने कहा कि वो इमरजेंसी वाहनों को नहीं रोकेंगे.
अंबाला में किसान नेता ने मांगी माफी
अंबाला के शम्भू बॉर्डर पर किसान नेता गुलाब सिंह की अगुवाई में हजारों किसानों ने चक्का जाम किया. चक्का जाम के बाद गुलाब सिंह ने आम जनता से माफी भी मांगी. उन्होंने कहा कि आज आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. लेकिन कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है. उन्होंने कहा नए कानून किसानों के साथ-साथ आम लोगों की भी जेब खाली कर देंगे.
18:10 February 06
अंबाला: हरियाणा में दिखा किसानों के चक्का जाम का व्यापक असर
हरियाणा में किसानों के चक्का जाम का व्यापक असर देखने को मिला. हरियाणा-पंजाब स्थित शम्भू बॉर्डर पर भी किसानों ने 3 घंटे तर राष्ट्रीय राजमार्ग को ब्लॉक रखा और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं 3 बजे के बाद चक्का जाम समाप्त हुआ और एक बार फिरसे नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक खोला गया.
बता दें, दोपहर 12 से 3 बजे तक नेशनल हाईवे पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रही. हालांकि जरूरी सेवाएं बाधित नहीं की गई. चक्का जाम को लेकर जहां किसान संगठनों ने अपनी रणनीति तैयार की थी, वहीं पुलिस भी सतर्क रही. स्कूलों की छुट्टियां कर दी गई थी. रोडवेज ने बसें बंद कर रखी थी.
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा में अर्ध सैनिक बलों की 45 बटालियन तैनात थी. दरअसल, गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुए हंगामे के बाद हरियाणा पुलिस को इनपुट मिला था कि चक्का जाम के दौरान हरियाणा में कई युवा संगठन किसानों के साथ मिलकर माहौल खराब कर सकते हैं. गनीमत रही कि कहीं कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई.
गौरतलब है कि शम्भू बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता गुलाब सिंह ने बताया कि उन्हें चक्का जाम में किसानों का भारी समर्थन मिल रहा है. हजारों की संख्या में किसान शम्भू बॉर्डर पहुंचे और चक्का जाम को सफल बनाया. उन्होंने बताया कि आज शम्भू बॉर्डर पर सिंघु बॉर्डर से भी ज्यादा किसान मौजूद हैं.
18:07 February 06
नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारतीय किसान यूनियन(भानु) गुट ने डासना में किया प्रदर्शन
किसानों के नेता राकेश टिकैत ने यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किए जाने की बात कही थी, तो वहीं भारतीय किसान यूनियन भानु संगठन से जुड़े किसानों ने डासना में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान किसान हाईवे की तरफ भी चल पड़े, जिससे थोड़ी देर के लिए ट्रैफिक बाधित हुआ. हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने किसान संगठन के लोगों को समझाया.
यूपी और उत्तराखंड को लेकर था इनपुट
किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया था कि उनके पास इनपुट है कि यूपी और उत्तराखंड में आंदोलन को बदनाम करने के लिए चक्का जाम के बीच कुछ असामाजिक तत्व घुस सकते हैं, जो आंदोलन के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं. ऐसे में सभी को मना किया गया था कि यूपी में कहीं भी चक्का जाम नहीं होगा, लेकिन इस बात को भी भानु संगठन ने नहीं माना.
भानु संगठन पर पहले लगा चुके हैं आरोप
भारतीय किसान यूनियन के भानु संगठन पर पहले भी राकेश टिकैत टिप्पणी कर चुके हैं कि वह संगठन किसानों के हित में नहीं है. बल्कि सरकार की बात मानने वाला संगठन है. ऐसे में भारतीय किसान यूनियन की टिकैत इकाई के विपरीत जाकर भानु संगठन ने फिर से कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
17:00 February 06
नई दिल्ली: मणिपुर की राज्यपाल डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने दिया बयान
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में पिछले दो माह से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, आज किसानों ने देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया है. किसानों के इस प्रदर्शन को लेकर मणिपुर की राज्यपाल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की चांसलर डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि सरकार जो मुनासिब समझे वह कर सकती है.
सरकार और किसानों के बीच चल रही है बात
वहीं, मणिपुर की राज्यपाल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की चांसलर डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि कोई भी आंदोलन चलता है, उसमें आंदोलनकारियों की कुछ मांगें होती हैं. इस पर कहना मुनासिब नहीं है. यह सरकार और आंदोलनकारियों के बीच की बात है. उन्होंने कहा कि सरकार जो मुनासिब समझे वह कर सकती है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार और किसान के बीच बातचीत चल रही है.
किसानों ने चक्काजाम का किया एलान
कृषि कानून के विरोध में किसानों ने आज देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया है. वहीं गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें काफी हिंसा हुई थी.
16:56 February 06
नई दिल्ली: किसान आंदोलन में परिवार के साथ आए छात्र
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में अपने परिवार के साथ छात्र भी आंदोलन का समर्थन करने के लिए आए हुए हैं. इस किसान आंदोलन में छोटे-छोटे बच्चे भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए नजर आ रहे हैं. कोरोना संक्रमण के बाद अब देशभर में स्कूल और कॉलेज खुलने शुरू हो गए हैं और छात्रों की फाइनल परीक्षा का समय भी आ गया है. जिसकी तैयारी छात्र कर चुके हैं, अब वे पंजाब व हरियाणा में जाकर अपनी परीक्षा भी देंगे.
इंटरनेट सुविधा बंद होने के बाद भी छात्रों ने की तैयारी
ईटीवी से बात करते हुए आंदोलन में आये छात्रों ने बताया कि इस आंदोलन में यूनिवर्सिटी से लेकर स्कूल तक के छात्र आए हुए हैं, जो आंदोलन के दौरान हर तरह की कार्यशाला में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. पीएचडी के छात्र आंदोलन का विश्लेषण भी कर रहे हैं कि इस आंदोलन में किस तरह की और भी जरूरत होगी, जिन्हें पूरा किया जा सकता है. यह आंदोलन पीएचडी कर रहे छात्रों के लिए रिसर्च वर्क है, जिस पर वे रिसर्च कर काम करने की बात कर रहे हैं जो उनके लिए अलग अनुभव है.
वहीं, कॉलेज के छात्रों ने बताया कि उनकी परीक्षाएं होनी हैं और सरकार द्वारा इंटरनेट बंद किए जाने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन कोई खास फर्क नहीं पड़ता. इसके बाद भी वह परीक्षा के लिए तैयार हैं और परीक्षा देने के लिए अपने घर जाएंगे. परीक्षा के बाद भी वे आंदोलन में अपनी भागीदारी निभाने के लिए आएंगे और अपने साथ और भी छात्रों को लेकर दिल्ली आएंगे.
'वार्षिक परीक्षा के बाद वापस आएंगे आंदोलन स्थल पर'
आंदोलन में स्कूली बच्चे भी आए हुए हैं, हालांकि, कुछ बच्चे परीक्षा देने के लिए वापस जा चुके हैं. कुछ बच्चे अभी भी आंदोलन में ही रह कर अपनी तैयारी कर रहे हैं. स्कूली बच्चों ने कहा कि इन की तैयारियां लगभग पूरी है और यह परीक्षा के लिए तैयार हैं. बस एक-दो दिन में अपने घर जाने वाले हैं. परीक्षाएं होंगी परीक्षा के बाद छात्र वापस आंदोलन में आएंगे, जहां पर इनके घर परिवार के लोग किसान कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. क्योंकि परिवार के बिना यह लोग अधूरे हैं और इनका परिवार दिल्ली के बॉर्डर पर बैठा हुआ है.
कब तक चलेगा आंदोलन छात्रों के लिए बड़ा सवाल
हालांकि, सरकार ने सिंघु बॉर्डर पर सख्ती बरतते हुए इंटरनेट की सुविधा बंद कर दी, लेकिन इन छात्रों के हौसले फिर भी बुलंद हैं. इन्होंने अपनी तैयारियां पूरी की. इसके लिए यहां पर छात्र अपनी किताबें लेकर आए हुए थे. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे उन छात्रों ने इनकी पढ़ाई में मदद की और अब यह परीक्षा देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. यह आंदोलन कब तक चलता रहेगा, इन छात्रों के लिए भी खुद बड़ा सवाल है. जिसके चलते इनकी पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है.
16:21 February 06
दिल्ली: पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मॉय बिस्वाल ने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि चक्का जाम के समर्थन में दिल्ली के अंदर से कुछ समूह इकट्ठा होकर शहर की कुछ जगहों पर चक्का जाम कर सकते हैं. इसलिए कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है.
15:37 February 06
कर्नाटक: नेशनल हाइवे पर चक्का जाम किया
किसान संगठनों द्वारा आज देशभर में चक्का जाम के आह्वान पर किसानों ने बनकापुर टोल पर और टोल के पास नेशनल हाइवे पर चक्का जाम किया.
15:32 February 06
राकेश टिकैत का अल्टीमेटम: सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और MSP पर कानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा
सरकार कृषि क़ानूनों को वापस ले और MSP पर क़ानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा. हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा.
15:26 February 06
राकेश टिकैत बोले- किसी ने की हिंसा तो उसे फौरन पुलिस को देंगे, दर्ज कराएंगे एफआईआर
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि पूरा आंदोलन शांतिपूर्ण रहा. उन्होंने कहा कि अगर अब कोई हिंसा करेगा तो उसको सीधे पुलिस को देंगे. उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे.
15:11 February 06
इंटरनेट सेवा बंद: हालात को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद
गृह मंत्रालय ने हालात को देखते हुए सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर के आसपास के इलाकों में दिनभर के लिए इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है.
14:48 February 06
गाजीपुर बॉर्डर: लंगर में शामिल हो रहे लाखों किसान
किसान आंदोलन में हर तरह की व्यवस्था के इंतजाम हैं. यहां लाखों किसान लंगर में शामिल होते हैं और भरपेट भोजन करते हैं.
13:36 February 06
गाज़ीपुर बॉर्डर: राकेश टिकैत बोले- कोई भी अप्रिय घटना होगी तो मिलेगा दंड
गाज़ीपुर बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है. अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा.
12:48 February 06
महाराष्ट्र के पुणे में चक्काजाम, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया
12:47 February 06
बेंगलुरु में पुलिस स्टेशन के बाहर चक्काजाम किया जा रहा है. आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
12:41 February 06
अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर चक्का जाम
किसान संगठनों द्वारा आज देशभर में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम के आह्वान पर किसानों ने अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर चक्का जाम किया.
12:41 February 06
जम्मू-पठानकोट हाईवे पर चक्का जाम
जम्मू-कश्मीर: किसान संगठनों द्वारा आज देशभर में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम के आह्वान पर किसानों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे पर चक्का जाम किया.
12:27 February 06
राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर चक्का जाम
किसान संगठनों द्वारा आज देशभर में चक्का जाम के आह्वान पर किसानों ने शाहजहांपुर (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम किया गया है.
12:25 February 06
पुलिस ने बैरिकेड, कंटीले तार, सड़कों पर कीलें और सीमेंट ब्लॉक लगाए
किसानों के नेशनल और स्टेट हाईवे पर किए जाने वाले विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने बैरिकेड, कंटीले तार, सड़कों पर कीलें और सीमेंट ब्लॉक लगाए हैं. इसके अलावा पुलिस, सीआरपीएफ, पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की कई टीमें तैनात की गई है. ताकि किसानों को दिल्ली में घुसने से रोका जा सके. कृषि बिल को लेकर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा 26 जनवरी को ट्रैक्टर पर निकाली गई थी. जिस दौरान ना सिर्फ किसानों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई बल्कि सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान भी पहुंचाया गया.
12:22 February 06
कैथल में पुलिस भी चक्का जाम को लेकर सतर्क
कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों ने शनिवार दोपहर 12 से 3 बजे तक देशभर में चक्का जाम का ऐलान किया है. किसान नेताओं की ओर से दिल्ली-एनसीआर में चक्का जाम न करने की बात कही गई है, लेकिन फिर भी दिल्ली पुलिस सतर्क है.वहीं हरियाणा के कैथल में पुलिस भी चक्का जाम को लेकर सतर्क है. संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. हालांकि किसानों ने शांतिपूर्वक चक्का जाम करने का दावा किया है, लेकिन दिल्ली में हुई घटना के बाद से पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मस्तैद नजर आ रहा है. बता दें कि दिल्ली से लगते इलाकों में भी पुलिस चक्का जाम को लेकर अलर्ट है. फरीदाबाद में सुरक्षा के लिए 3,500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. एम्बुलेंस, क्रेन, फायर ब्रिगेड के साथ ही वज्र वाहन को भी तैनात किया गया है. हर डिप्टी पुलिस कमिश्नर को अपने-अपने जोन में आंसू गैस से भी लैस रहने के निर्देश दिए गए हैं. निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों की भी मदद ली जाएगी. केजीपी टोल टैक्स पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती की गई है. किसी भी तरह के उपद्रव की स्थिति में पुलिस सख्ती से निपटने के लिए तैयार है.
12:16 February 06
क्यों डराते हो डर की दीवार से? : प्रियंका गांधी
12:14 February 06
अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है- ये तीन क़ानून सिर्फ़ किसान-मज़दूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं.
11:01 February 06
शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि कैप्टन साहब का फर्ज बनता है कि वो दिल्ली जाकर बेकसूर नौजवानों को बाहर निकालें और उनके खिलाफ हुए केसों को बंद करें जिससे 200-300 नौजवानों की ज़िंदगी खराब ना हो. 26 जनवरी से उन नौजवानों को बंद करके रखा है, लाल किले के थाने पर एक भी एफआईआर हुई है?
11:01 February 06
मेट्रो स्टेशन, मंडी हाउस, आईटीओ और दिल्ली गेट बंद
- विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार भी बंद हैं
- मंडी हाउस, आईटीओ और दिल्ली गेट के प्रवेश और निकास द्वार बंद हैं
- सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस के निर्देश पर 8 मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया है. इनमें मंडी हाउस, आईटीओ, विश्वविद्यालय, लाल किला, जामा मस्जिद, जनपथ, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट और दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन शामिल हैं. इन मेट्रो स्टेशन से न तो यात्री अंदर आ सकेंगे और ना ही बाहर निकल सकेंगे.
09:57 February 06
राजधानी के चारों 'दरवाजे' आज होंगे 3 घंटे के लिए बंद, कांग्रेस का प्रदेशव्यापी समर्थन
किसानों की ओर से घोषित किए गए चक्का जाम को आज कांग्रेस पार्टी ने भी पूरा समर्थन दिया है. इसके तहत प्रदेशभर में किसानों के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ता राष्ट्रीय और स्टेट राजमार्गों पर चक्का जाम करेंगे. दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक यह चक्का जाम होगा. जिसमें कांग्रेस पार्टी किसान संगठनों के आज के 3 घंटे के चक्का जाम कार्यक्रम को अहिंसात्मक और शांतिपूर्ण तरीके से समर्थन देगी.पूरे राजस्थान में कांग्रेस के नेता दोपहर 12:00 से 3:00 तक इस चक्का जाम में शामिल होंगे. इस दौरान एंबुलेंस, स्कूल बस, बुजुर्गों, रोगियों, महिलाओं और बच्चों को कोई असुविधा ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा. राजधानी जयपुर में भी यह चक्का जाम कार्यक्रम होगा. जिसमें जयपुर के चारों राजमार्गों, जयपुर-दिल्ली, जयपुर-अजमेर, जयपुर-टोंक और जयपुर-आगरा हाईवे पर कांग्रेस कार्यकर्ता चक्का जाम करवाएंगे.
09:54 February 06
किसान संगठनों द्वारा आज देशभर में चक्का जाम के आह्वान के मद्देनज़र लोनी बॉर्डर पर निगरानी रखने के लिए सुरक्षाबल ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
09:53 February 06
ITO पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात
किसान संगठनों ने आज देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया है. इसको देखते हुए दिल्ली के ITO पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया गया है.
09:53 February 06
आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम
किसान संगठनों द्वारा देशभर में आज चक्का जाम के आह्वान को देखते हुए शाहजहांपुर बॉर्डर (दिल्ली-राजस्थान बॉर्डर) पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं. किसान संगठन देशभर में आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम करेंगे.
08:55 February 06
किसानों को रोकने के लिए 50 हजार जवान तैनात
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दिल्ली पुलिस, पैरामिलिट्री और रिजर्व फोर्सेस के लगभग 50,000 जवान तैनात हैं. किसी भी गड़बड़ी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में कम से कम 12 मेट्रो स्टेशनों को प्रवेश और निकास के लिए अलर्ट पर रखा गया है.
08:55 February 06
किसान संगठनों द्वारा देशभर में आज चक्का जाम के आह्वान को देखते हुए दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर सुरक्षाबल तैनात किया गया है
08:40 February 06
अमृत मान ने कहा कि सरकार के सभी हथकंडे इस आंदोलन को फेल करने के लिए फेल हो चुके हैं
कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन दिल्ली से लगती सीमाओं पर 73 दिन से जारी है. इस दौरान किसानों को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है. शुक्रवार को पंजाबी सिंगर अमृत मान ने सिंघु बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया.
इस दौरान अमृत मान ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वो शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन जारी रखे. उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि वो इन तीनों कृषि कानूनों को वापस ले, ताकि किसान अपने घर-परिवार के साथ रह सकें.
अमृत मान ने कहा कि सरकार के सभी हथकंडे इस आंदोलन को फेल करने के लिए फेल हो चुके हैं और अब हम ये आंदोलन जीत कर ही घर वापस जाएंगे. उन्होंने कहा कि मैं युवा किसानों से अपील करता हूं कि वो शांतिपूर्ण तरीके से इस आंदोलन को चलाएं, जो युवा हमारे जेलों में बंद हैं उनकी रिहाई के लिए हमारे हम फ्री में केस लड़ेंगे और वो जल्द ही बाहर आ जाएंगे.
कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों ने आज शनिवार दोपहर 12 से 3 बजे तक देशभर में चक्का जाम का ऐलान किया है. किसान नेताओं की ओर से दिल्ली-एनसीआर में चक्का जाम ना करने की बात कही गई है, लेकिन फिर भी दिल्ली पुलिस सतर्क है. 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा से सबक लेकर पुलिस इस बार कोई भी ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है. दिल्ली पुलिस ने पड़ोसी राज्यों से लगने वाले बॉर्डर पर सुरक्षा सख्त कर दी है.
08:29 February 06
हरियाणा के दो जिलों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी तौर पर बंद
दिल्ली-हरियाणा का सिंघु बॉर्डर किसान आंदोलन का केंद्र है. यहां पिछले दो महीने से अधिक समय से नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा है. 26 जनवरी को भी दिल्ली के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी तौर पर बंद कर दी गई थी. गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा की घटना होने पर ये कदम उठाया गया था.वहीं सरकार ने हरियाण मेे इंटरनेट बंद करने के लिए नए आदेश जारी किए हैं. सरकार ने हरियाणा के दो जिलों, सोनीपत और झज्जर में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), एसएमएस सेवाओं (केवल ब्लक एसएमएस) और मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को बंद करने की अवधि 6 फरवरी, 2021 शाम 5 बजे तक के लिए बढ़ा दी है.
08:25 February 06
किसानों द्वारा देशभर में आज चक्का जाम के आह्वान को देखते हुए गाज़ीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं
08:24 February 06
किसान संगठनों ने आज देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया है. इसको देखते हुए लाल किला पर सुरक्षाबल तैनात किया गया है.
07:51 February 06
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज पूरे देश में चक्का जाम का आह्वान किया है. इसके मद्देनजर सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी की गई है.
06:33 February 06
किसान आंदोलन अपडेट
नई दिल्ली : तीन कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का आज 73वां दिन हैं. आंदोलनरत किसान और सरकार में सहमति नहीं बन पा रही है. इस सिलसिले में शनिवार को देशव्यापी चक्काजाम किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर में चक्काजाम नहीं किया जाएगा.
वहीं इस चक्का जाम पर राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान शनिवार को सड़क पर जाम नहीं लगाएंगे, बल्कि शांतिपूर्वक जिला मुख्यालय और तहसील मुख्यालय पर ज्ञापन देंगे. इन दोनों राज्यों में जाम की कॉल वापस लेने पर एक सवाल के जबाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड के किसानों को स्टैंड बाई में रखने का फैसला लिया गया है. हालांकि राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आंदोलन को बैकअप देने के लिए यूपी और उत्तराखंड के एक लाख किसानों को बैकअप में रखा गया. वह अभी आराम करें और खेती बाड़ी करें.
बता दें, संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद इसकी पुष्टि की है. मोर्चे के नेता डॉ. दर्शनपाल ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है. किसान मोर्चे की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि दिल्ली में प्रवेश के लिए सभी सड़कें खुली रहेंगी, चूंकि दिल्ली से जुड़े महत्वपूर्ण बॉर्डर पहले ही धरनास्थल होने के कारण जाम किए जा चुके हैं, इसलिये दिल्ली के अंदर किसान मोर्चा ने जाम लगाने की कोई योजना नहीं बनाई है. वहीं दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए हैं और सभी महत्वपूर्ण इलाकों में पहले ही धारा 144 लागू कर दी गई है. बता दें, संयुक्त किसान मोर्चा के चक्का जाम का आह्वान 3 घंटे के लिए ही किया गया है. जिसका निर्धारित समय 12 बजे से 3 बजे तक होगा. साथ ही किसान मोर्चा ने चक्का जाम में शामिल होने वाले सभी लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील भी की है.
चक्का जाम के दौरान इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका जाएगा. किसान नेताओं ने अपील की है कि चक्का जाम कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शन में शामिल लोग प्रशासन से टकराव न करें और किसी के साथ भी जोर जबरदस्ती से बचें.
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि किसान मोर्चा द्वारा चक्का जाम के आवाह्न को शनिवार को भारी समर्थन मिल सकता है, क्योंकि अब विपक्षी पार्टियां भी खुलकर इनके समर्थन में आ चुकी हैं. ऐसे में देश के सभी राज्यों में किसानों के चक्का जाम को विपक्षी पार्टियों का भी समर्थन होगा, जिसके बाद उनके कार्यकर्ता भी चक्का जाम में शामिल होंगे. वहीं, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 6 फरवरी को तीन घंटे लंबे राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का समर्थन करेगी. कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों के साथ अपनी प्रतिबद्धता और एकजुटता दिखाएंगे और किसानों को अपना समर्थन देंगे.
पढ़ेंः किसान आंदोलन : संसद में किसान मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सहमत हुई सरकार
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता एम्बुलेंस, स्कूल बस, बुजुर्गों, रोगियों, महिलाओं और बच्चों का पूरा ध्यान रखेंगे कि वे इस विरोध से असुविधा का सामना न करें.