चरखी दादरी: ‘कांटों में जो पलता है, शोलों में जो खिलता है, वह फूल ही गुलशन की तारीख बदलता है’ ये पंक्तियां चरखी दादरी के गांव बलाली निवासी अंतर्राष्ट्रीय महिला पहलवान विनेश फोगाट की मेहनत पर एकदम फीट बैठती हैं. जिन्होंने रियो ओलंपिक के दौरान लगी चोट का मुकाबला किया और टोक्यो 2020 ओलंपिक में क्वालीफाई कर साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत के बूते लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है.
भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट 2020 टोक्यो ओलंपिक का टिकट कटाने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं. विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट को हराने के साथ ही विनेश ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर लिया.
विनेश फोगाट को मिला ओलंपिक 2020 का टिकट 'विनेश फोगाट की जीत देश के लिए बड़ी उपलब्धि'
चरखी दादरी जिले के छोटे से गांव बलाली निवासी विनेश फोगाट के टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई होने पर होने तक का सफर कई उतार-चढ़ाव का रहा है. विनेश फोगाट की की ये जीत चरखी दादरी के लिए ही नहीं बल्कि देशभर के खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
'विनेश को मेहनत का मिला फल'
परिजनों ने विनेश की इस उपलब्धि पर उनकी कड़ी मेहनत का फल बताया है. विनेश के ताऊ द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच महाबीर फोगाट का कहना है कि विनेश का टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई होना उनके लिए गौरवान्वित करने वाली बात है. जिस पर परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे देश को गर्व है. उन्होंने कहा कि विनेश ने चोट से उभरते हुए मैट पर मेहनत की. तब जाकर वो आज इस मुकाम पर पहुंची है. उन्हें उम्मीद है कि विनेश 2020 के ओलंपिक में गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन करेगी.
'चोट से उभरकर विनेश ने की बेहतरीन वापसी'
वहीं बहन बबीता फोगाट ने कहा कि विनेश कड़ी मेहनत करते हुए रियो ओलंपिक में लगी चोट से उभरी है और 53 किलोग्राम भार वर्ग में मैट पर उतरकर बेहतरीन वापसी की है. वर्ल्ड चैंपियनशिप में ही ओलंपिक का टिकट मिलने पर विनेश को तैयारियां करने का मौका मिलेगा. बबीता फोगाट का कहना था कि जिस तरह विनेश ने विश्व चैंपियनशिप में वर्ल्ड के टॉपर खिलाड़ियों को धूल चटाते हुए जीत हासिल की है, वैसे ही टोक्यो ओलंपिक में देश को गोल्ड दिलाने के लिए जी जान लगा देंगी.
कौन हैं विनेश फोगाट?
विनेश फोगाट महिला कुश्ती में 2014 राष्ट्रमण्डल खेल की स्वर्ण पदक विजेता हैं. इन्होंने 2014 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता. विनेश फोगाट ने साल 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. चोटिल हो जाने के कारण उन्हें मुकाबला बीच में ही छोड़कर बाहर होना पड़ा.