शिमला : बर्फबारी के कारण छह महीने देश के शेष हिस्सों से कटे रहने वाले हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति की तस्वीर बदलने वाली है. साथ ही भारतीय सेना के लिए भी अटल टनल वरदान साबित होगी. दो दशक पहले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने जो सपना देखा था, वह नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में पूरा होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अक्टूबर को अटल रोहतांग टनल को देश को समर्पित करेंगे.
अटल टनल के उद्घाटन को लेकर पूरे हिमाचल प्रदेश, खासकर लाहौल स्पीति में उत्सव का माहौल है. पीएम नरेंद्र मोदी के स्वागत की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. एसपीजी की टीम ने सारी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और अपने तरीके से सुरक्षा प्लान बनाया है. राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी तैयारियों के बावत पीएम नरेंद्र मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और सारी तैयारियों से अवगत कराया.
लाहौल में पीएम नरेंद्र मोदी का पारंपरिक तरीके से स्वागत होगा. सारा कार्यक्रम तय हो चुका है. पीएम नरेंद्र मोदी के लिए खास तौर पर लाहौल के पारंपरिक व्यंजन चिलड़ा, लाल आलू की सब्जी आदि परोसी जाएगी.
जून 2000 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी नींव
हिमाचल सरकार के तकनीकी शिक्षा मंत्री और लाहौल के विधायक डॉ. रामलाल मारकंडा के अनुसार, लाहौल-स्पीति के लोगों के आनंद की कोई सीमा नहीं है. दो दशक से लोग इस टनल का इंतजार कर रहे थे. जून 2000 में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने इस परियोजना की नींव रखी थी. अब यह सपना नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल में साकार हो रहा है. देवभूमि के लोगों में खुशी का माहौल है.
पारंपरिक परिधान में लाहौलवासी पीएम मोदी का करेंगे स्वागत
डॉ. मारकंडा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी तीन अक्टूबर की सुबह सासे हैलीपैड पहुंचेंगे. अटल टनल के लोकार्पण के बाद सिस्सू में जनसभा होगी. पीएम मोदी सुबह सवा नौ बजे सासे हैलीपेड पहुंचेंगे. उसके बाद टनल के नार्थ पोर्टल से सिस्सू जाएंगे. यहां पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत नगाड़ों से होगा. पारंपरिक परिधान में लाहौल के पुरुष, महिलाएं व बच्चे सड़क के दोनों किनारों पर खड़े होकर पीएम मोदी का स्वागत करेंगे. सिस्सू में भी जनसभा के दौरान लाहौल के लोग पारंपरिक परिधान पहनकर शामिल होंगे.