हैदराबाद / जयपुर : कोरोना वायरस के डर को दरकिनार कर दिया जाए तो लॉकडाउन का पर्यावरण प्रदूषण पर काफी अच्छा असर पड़ा है. इसके कारण अब हवा बिल्कुल शुद्ध होती नजर आ रही है. इतना ही नहीं दूर-दूर के प्राकृतिक दृश्य भी खूबसूरत दिखाई दे रहे हैं, खासकर तब जब बारिश के बाद मौसम बिल्कुल साफ हो जाता है. ये कहना है केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का.
पिछले 50 से अधिक दिनों से लागू लॉकडाउन के दौरान हरिद्वार और वाराणसी में गंगा नदी का पानी साफ हुआा है. एक ओर जहां देश के सभी राज्यों व शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है, तो वहीं गंगा और यमुना जैसी बेहद प्रदूषित हो चुकी नदियां भी साफ दिखने लगी हैं. इन नदियों का पानी पहले जहां काला-गंदा दिखता था, वहां अब यह पानी स्वच्छ और निर्मल दिखाई देता है.
पर्यावरण पर लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव को लेकर ईटीवी भारत ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि किसी भी नदी के प्रवाह में प्रदूषण के तीन कारक होते हैं. पहला कारण शहरों और गांवों से निकला हुआ पानी. दूसरा कारण उद्योगों से निकला हुआ गंदा पानी और तीसरा कारण प्रकृति के साथ हमारा प्रत्यक्ष व्यवहार है. उन्होंने बताया कि इन तीन कारणों से कहीं ना कहीं जल स्रोतों में प्रदूषण बढ़ता है.
केंद्र सरकार की मुहिम का अब दिख रहा असर
गजेंद्र सिंह शेखावत ने मोदी सरकार की ओर से नदियों को साफ करने को लेकर चलाए जा रहे मुहिम की चर्चा की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे मुहिम का असर अब दिखने लगा है.
बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी पर डॉलफिंस की संख्या में इजाफा के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जल में जलीय पक्षी का होना पानी की शुद्धता का सबसे बड़ा प्रमाण है. उन्होंने कहा कि गंगा नदी में कई गुना जलीय जीवन बढ़ा है.