नई दिल्ली: समाजावादी पार्टी नेBSF के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था. माना जा रहा है कि तेजबहादुर का नामांकन खारिज होने के बाद शालिनी यादव सपा प्रत्याशी होंगी.
तेज बहादुर के नामांकन खारिज होने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे राष्ट्रवाद के नाम पर वोट मांग रहे हैं, तो उन्हें एक सैनिक का सामना करना चाहिए था.
अखिलेश ने कहा कि जिन लोगों ने खाने की शिकायत करने पर उसे (तेज बहादुर) को सेवा से बर्खास्त कर दिया, उन्हें सच्चा देशभक्त कैसे माना जा सकता है.
नामांकन खारिज होने के बाद जिलाधिकारी ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति जिसे पांतच साल की अवधि के भीतर केंद्र सरकार की सेवा से बर्खास्त किया गया हो, उसे निर्वाचन आयोग का सर्टिफिकेट देना होता है. इसमें इस बात का प्रमाण होता है कि शख्स को भ्रष्टाचार या द्रोह के आरोप में नहीं हटाया गया है. 11 बजे के पहले प्रमाण पत्र नहीं जमा किया गाय, इस कारण नामांकन खारिज किया गया है.
समाजवादी पार्टी के नेता तेज बहादुर यादव ने कहा है कि उन्हें 11 बजे से पहले सबूत पेश करने को कहा गया था. उन्होंने कहा कि सबूत पेश करने के बाद भी हमें बताया गया कि सबूत पेश नहीं किए गए.
तेज बहादुर ने कहा कि मंगलवार शाम 6:15 बजे उन्हें सबूत पेश करने का निर्देश मिला. हमने सबूत जमा किए, लेकिन इसके बावजूद नामांकन रद्द कर दिया गया. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
गौरतलब है कि तेज बहादुर यादव ने 24 अप्रैल को पहले निर्दलीय और 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नामांकन किया था. इसके बाद जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर यादव को मंगलवार को नोटिस जारी करते हुए चुनाव आयोग से अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दे दिया है.
बता दें, यह प्रमाणपत्र उन्हें एक मई को सुबह 11 बजे तक जमा करने का समय दिया गया था. प्रमाणपत्र जमा ना करने की स्थिति में उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया है.