भोपाल :मध्य प्रदेश में आगामी उपचुनावों में कैंपेनिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. चुनाव आयोग ने फिजिकल इलेक्शन कैंपेनिंग को प्रतिबंधित करने के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. चुनाव आयोग ने कहा है कि हाई कोर्ट का आदेश मतदान प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है. आयोग की याचिका में कहा गया है कि चुनाव कराना उसका डोमेन है और हाई कोर्ट का आदेश मतदान प्रक्रिया को बाधित करेगा.
चुनावी आयोग की आपत्ति
सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में चार बिंदुओं पर इस आदेश को चुनौती दी गई है. चुनाव आयोग का कहना है कि अधिसूचना जारी होने के बाद कोर्ट का हस्तक्षेप नहीं रहता है. वहीं हाई कोर्ट ने कहा है कि फिजिकल की जगह वर्चुअल कैंपेनिंग की जाए, लेकिन वर्चुअल कैंपेनिंग में लाखों का खर्च होता है, जिसे कई प्रत्याशी वहन कर सकते हैं, साथ ही प्रत्याशी के चुनाव खर्च की सीमा भी तय है. वर्चुअल कैंपेनिंग करने से उसके खर्च की सीमा कहीं ज्यादा होगी.
नवंबर के पहले हफ्ते में होगी सुनवाई
इसके अलावा एसएलपी में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को बुलाकर पहले ही कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए अपनी ओर से ही दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. इनके अनुपालन के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी यानी कलेक्टर को बता दिया गया है. कलेक्टर भी सभी राजनीतिक दलों को आयोग के दिशानिर्देशों से अवगत करा चुके हैं. ऐसे में जनहित याचिका में उठाए गए बिंदु अव्यावहारिक हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर नवंबर के पहले सप्ताह में सुनवाई होगी, जबकि विधानसभा उपचुनाव तीन नवंबर को है.