बिआरित्ज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दृढ़ता से स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर मामले में उसे किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है. भारत के इस रुख के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को मध्यस्थता के अपने प्रस्ताव से कदम पीछे खींच लिया और कहा कि भारत और पाकिस्तान 'इसे खुद हल सकते हैं'. ट्रंप ने यहां मीडिया से कहा, 'मेरा दोनों पीएम मोदी और पीएम इमरान खान के साथ अच्छे संबंध हैं. मेरा मानना है कि वे इसे खुद हल कर सकते हैं. वे इसे लंबे समय से हल करने की कोशिश कर रहे हैं.'
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बताया कि कश्मीर की स्थिति नियंत्रण में है और उन्हें लगता है कि वह पाकिस्तान के साथ सीधे इस स्थिति से निपट सकते हैं. दोनों नेताओं ने यहां जी-7 की बैठक से इतर 45 मिनट चली द्विपक्षीय बैठक से पहले मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान मोदी ने दृढ़ता से दोहराया कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है. जब मोदी से इस मामले में मध्यस्थता से संबंधित सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'सभी मुद्दे द्विपक्षीय प्रकृति के हैं.'
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या मध्यस्थता की उनकी पेशकश अभी भी बरकरार है तो उन्होंने कहा, 'मैं यहीं पर हूं.' इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय स्तर पर ऐसा कर सकते हैं. ट्रंप ने कहा, 'हमने कल रात कश्मीर के बारे में बात की थी और प्रधानमंत्री मोदी को लगता है कि स्थिति उनके नियंत्रण में है. और, अब जब वह पाकिस्तान के साथ बातचीत करेंगे तो मुझे यकीन है कि वह कुछ करने में सक्षम होंगे. वह शायद कुछ बहुत अच्छा कर पाएंगे.'
कश्मीर पर पूछे गए एक सवाल पर मोदी ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच कई द्विपक्षीय मुद्दे हैं. इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने उनसे कहा कि हमारे दोनों देशों को गरीबी, अशिक्षा व पिछड़ेपन के खिलाफ लड़ना है. इसलिए हम दोनों देशों को ही लोगों की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए. मैंने राष्ट्रपति ट्रंप को भी इससे अवगत कराया है और हम अपने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करते रहते हैं.'