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मुश्किल में हनीप्रीत, देशद्रोह की धारा हटाने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल

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Published : Nov 7, 2019, 9:49 PM IST

पंचकूला के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ने गुरमीत राम रहीम की दत्तक पुत्री हनीप्रीत पर देशद्रोह की धारा के लिए हाई कोर्ट में रिवीजन पिटीशन लगायी है. इसकी जानकारी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंचकूला पंकज गर्ग ने दी. इस पिटीशन पर हाई कोर्ट जल्द फैसला कर सकता है. पढे़ं पूरा विवरण...

राम रहीम की राजदार हनीप्रीत

पंचकूला:डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की राजदार और दंगे की मुख्य आरोपी हनीप्रीत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल पंचकूला के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंकज गर्ग ने हनीप्रीत की देशद्रोह की धारा हटाये जाने के खिलाफ एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. हाई कोर्ट इस पिटीशन पर जल्द ही फैसला सुना सकता है.

बढ़ सकती हैं हनीप्रीत की मुश्किलें
गौरतलब है कि राम रहीम को सजा के एलान के बाद पंचकूला में उनके समर्थकों ने जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी. बाद में हनीप्रीत को दंगे का मुख्य आरोपी बनाया गया. हनीप्रीत और अन्य आरोपियों पर धारा 345 के तहत देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था.

मामले की जानकारी देते हुए पंचकूला के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंकज गर्ग.

धारा 345 पर आ सकता है नया मोड़
सबूतों के अभाव में पंचकूला की अदालत ने हनीप्रीत से देशद्रोह की धारा हटाने का फैसला किया. कोर्ट से जमानत के बाद हनीप्रीत सिरसा स्थित डेरे में वापस आ गई. अब इस मामले में नया मोड़ आ सकता है. हनीप्रीत और अन्य आरोपियों पर हटाई गई देश द्रोह की धारा को दोबारा लगाया जा सकता है.

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अंशुल छत्रपति ने भी उठाए थे सवाल
पंचकूला हिंसा मामले में मुख्य आरोपी और राम रहीम की राजदार हनीप्रीत की जमानत पर अंशुल छत्रपति का बयान सामने आया था. अंशुल छत्रपति ने हरियाणा सरकार और पुलिस को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि अगर सरकार और पुलिस के पास सबूत थे तो वे कोर्ट में पेश क्यों नहीं कर पाए. अंशुल ने हनीप्रीत की जमानत पर चिंता जताई है. उन्होंने हरियाणा सरकार और पुलिस को फेलियर बताया. इसके साथ ही अंशुल ने इस मामले में रिवीजन पिटीशन लगाने की भी मांग उठाई थी.

दंगा भड़काने के आरोप में हनीप्रीत की हुई थी गिरफ्तारी
पंचकूला कोर्ट ने शनिवार को आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत आरोप तय किये. केस को सीजेएम कोर्ट में ट्रांसफर किया गया. साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को सजा होने के बाद 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हिंसा भड़की थी. इसमें 36 लोगों की जान गई थी. पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में हनीप्रीत को गिरफ्तार किया था. बता दें कि कोर्ट ने दो नवम्बर को इस मामले में हनीप्रीत समेत 15 आरोपियों से राजद्रोह की धारा हटाई थी. इसके बाद हनीप्रीत ने जमानत याचिका दाखिल की थी. मामले की अगली सुनवाई 20 नवम्बर को होगी.

पुलिस ने 1200 पन्नों की चार्जशीट की थी पेश
पुलिस ने शुरुआत में 1200 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी. जिन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, उनमें हनीप्रीत, उसकी साथी सुखदीप कौर, राकेश कुमार अरोड़ा, सुरेंद्र धीमान इंसा, चमकौर सिंह, दान सिंह, गोविंद राम, प्रदीप गोयल इंसा और खैराती लाल पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज किये गये थे.

पंचकूला हिंसा के 38 दिनों बाद हनीप्रीत को किया गया गिरफ्तार
आपको बता दें कि पंचकूला हिंसा के बाद से पुलिस हनीप्रीत को ढूंढ रही थी, लेकिन वह 38 दिनों तक पुलिस के हाथ नहीं आई. पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने हनीप्रीत को पंजाब से पकड़ा है. इसके बाद से वह अंबाला जेल में बंद थी.

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