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जेएनयू हिंसा का डेटा सेव रखने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा वाट्सएप-गूगल से जवाब

दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेएनयू में हुई हिंसा से संबंधित सीसीटीवी फुटेज, डेटा और अन्य सबूत सुरक्षित रखने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, वाट्सएप कंपनी, एपल कंपनी और गूगल कंपनी से जवाब मांगा है. पढ़ें विस्तार से

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Published : Jan 13, 2020, 1:03 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 1:18 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पांच जनवरी को हुई हिंसा की घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज, डेटा और अन्य सबूत सुरक्षित रखने की मांग करने वाली विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसरों की याचिका पर दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, वाट्सएप कंपनी, एपल कंपनी और गूगल कंपनी से जवाब मांगा.

पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने जेएनयू प्रशासन से हिंसा की सीसीटीवी फुटेज संभाल कर रखने और उसे सौंपने को कहा है.

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति ब्रजेश सेठी ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई मंगलवार को होगी.

दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता (अपराध) राहुल मेहरा ने उच्च न्यायालय को बताया कि हिंसा की सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने के पुलिस के अनुरोध पर जेएनयू प्रशासन की ओर से अभी तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है.

मेहरा ने अदालत को बताया कि उसने वाट्सएप को भी लिखित अनुरोध भेज उन दो ग्रुपों का डेटा सुरक्षित रखने को कहा है जिन पर जेएनयू में हिंसा की साजिश रची गई थी. इन वाट्सएप ग्रुप के नाम हैं 'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' और 'फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस'. इन समूहो के संदेश, तस्वीरें और वीडियो तथा सदस्यों की फोन नंबर सुरक्षित रखने का अनुरोध किया गया है.

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याचिका जेएनयू के प्रोफेसर अमीत परमेश्वरन, अतुल सूद और शुक्ला विनायक सावंत ने दायर की. याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश देने की मांग की गई.

याचिका में दिल्ली पुलिस को जेएनयू परिसर के सभी सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने का निर्देश देने की भी मांग की गई.

Last Updated : Jan 13, 2020, 1:18 PM IST

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